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मानवता के बने पुजारी, राष्ट्र को बनाये मजबूत,गरीबों.असहायो.बेसहारो की सेवा सबसे पुनीत कार्य

जौनपुर। मानवता के पुजारी बने, राष्ट्र को मजबूत बनाये।मुश्किल घड़ी में जो दूसरों की सेवा और सहयोग करता है वह सच्चा मानवतावादी सोच वाला व्यक्ति होता है। किसी भी प्रकार के त्रासदी में देखा जाता है मानवता के पुजारी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते हैं।कोरोना महामारी संकट में आम, तौर पर देश दुनिया के लोगों में मानवता दिखा, महामारी से पीड़ित लोगों की सेवा में केन्द्र और राज्य की सरकारें मानवतावादी सोच के तहत काफी सक्रिय दिखी और लोगों को स्वास्थ्य लाभ मिला। इसके अलावा देश के पूंजीपतियों व जिसका जितना वश चला मानवता की राह पर दिखा। जिले के मडियाहू तहसील के डौडी गांव निवासी अनिल सिंह पूर्व प्रधान व समाजसेवी मानवता के पुजारी है उनकी जनसेवा आमतौर पर जन जन में विदित है।गरीबों, असहायो,बेसहारो की निस्वार्थ भाव से मदद करके उनके दुख का निवारण करते हैं।
आज विश्व मानवता दिवस है,ऐसे में श्री सिंह के नेक कार्य की सराहना करते हैं
विश्व मानवता दिवस पहली बार संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मनाया था. आज से 17 साल पहले 19 अगस्त, 2003 को इराक की राजधानी बगदाद में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय पर हमला किया गया था। बम विस्फोट में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के 22 सहकर्मी मारे गए थे. इस हमले में इराक में UNO महासचिव के विशेष प्रतिनिधि सर्जियो विएरा डी मेलो की भी,मौत हो गई.

इसके बाद से 19 अगस्त को विश्व मानवता दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया गया. इसके लिए 2008 में प्रस्ताव पारित किया गया था। यह प्रस्ताव स्वीडन ने लाया था। जेडी सिंह संपादक

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