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रामनगर में आत्माएं दुखी,सरकार को दे रहीं बददुआ,प्रधान जी की चाँदी,सत्ता की ताकत

रामनगर।जौनपुर। राम के नगर में यदि आत्माएं दुखी हो तो कहीं न कहीं से उसकी बददुआ सरकार को लगेगी।उत्तर प्रदेश सरकार का काम, काज अति सराहनीय है, विकास कार्य दिख रहा है।किसानों के खेतों की मेडबंदी पहली बार इस सरकार में हुआ है ऐसा जान पड़ता है,प्राथमिक,उच्च प्राथमिक विद्यालयो का कायाकल्प बरबस ही लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। अटल मनरेगा पार्क,शमशान घाट,प्रधानमंत्री आवास,मुख्यमंत्री आवास योजना यह सब दिख रहा है, इतने विकास के बाबजूद सरकार को लेकर लोग टीका, टिप्पणी करते सुने जा सकते है। जिनकी संख्या बहुत कम है। सरकार के विकास कार्यों की जन चर्चा बहुतायत है।सरकार का काम काज नंबर वन का है। लेकिन उससे जुड़े कुछ लोग बहुत अच्छे अधिकारी, कर्मचारी है, तो कुछ लोग सरकार से स्वीकृत धन का सुनिश्चित कमीशन बटोरन में जुटे है,ग्रामसभाओ में जो विकास कार्य होता है पत्रावली स्वीकृति के पहले निर्धारित कमीशन जमा करना होता है।इसके बाद ही धन अवमुक्त होता है।हालांकि कमीशन लेने का पुख्ता सबूत पास में नहीं है,लेकिन कमीशन लेने का चर्चा जोर,शोर से है।रामनगर में 99 ग्राम सभा है,जिसमें 99 प्रधान है। इसके अलावा अनगिनत प्रधान जी है। जिसमें कुछ का राजनैतिक वर्चस्व सत्ता में बेहद मजबूत है,जिसकी चाहे सरकारी कुर्सी हिला दे। कुछ लोगों के परिवार में प्रधान है तो अक्सर मान बढ़ाने के लिए गांव के लोग उस परिवार के लोगों को प्रधान जी कहकर लोग बुलाते है।तो वह व्यक्ति बेहद खुश होता है और गांव के लोग भी खुश होते है,एक प्रकार से आमोद,विनोद का भाव खिलखिला के हंस पड़ता है। कुछ प्रधान जी प्रधान नहीं है लेकिन रुतबा प्रधान का रखना चाह रहे है क्योंकि पंचायत चुनाव में अपना उम्मीदवार जीताए है वह भी जिनकी आगे की सोच ही नहीं है। हालांकि जिन,जिन ग्राम सभा में ऐसे लोग चुने गये है अब गांव के लोग वोट देकर पश्चाताप कर रहे है। कुछ ऐस प्रधान है जो देव स्वरुप है उनकी ग्राम सभा में मर्यादा है लोकजन आत्मीयता से उनका आदर सत्कार करते है। कुछ ऐसे प्रधान जी है जिनकी सत्ता से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण लोगों से जुड़ाव है। उनकी वजह से उनकी धाक है।नैतिक कम अनैतिक कार्य के बढ़ावा में सरकार और उनमें कभी, कभी ठन जाती है लिहाजा प्रशासन को दबना पड़ता है। खबर लिखने का आशय है सबका साथ,सबका विकास व सबका विश्वास की पद्धति को अपनाकर राम राज्य की कल्पना को साकार किया जा सकता है, रामनगर नाम है तो राम का गुण भी लोगों में आना चाहिए। आपसी भाईचारा के साथ रामनगर विकास खण्ड के लोग आदर्शवादी विचारधारा के पंछधर बने। जेडी सिंह संपादक सतगुरु दर्पण

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