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डाक्टर अभय प्रताप सिंह की नेक पहल,नवापुर में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन,सौ वर्ष तक जीने के लिए अपनाना होगा भारतीय संस्कृति,छोड़ना होगा पाश्चात्य शैली

जौनपुर। काश जनपद के समस्त डाक्टर थोड़ा, थोड़ा समय निकालकर सेवा भाव के आचरण से गांवो की तरफ रुख करते तो लोगों का स्वास्थ्य उत्तम बन जाता और ग्रामीण परिवेश में विभिन्न रोगों से कराह रहे लोगों को निजात मिलता और सुगमता पूर्वक जीवन, यापन करने को बल मिलता। गांवो में स्वास्थ्य के प्रति लोग उतना सचेत नहीं है जितना होना चाहिए।एस.आर.एस हास्पीटल एण्ड ट्रामा सेन्टर ओलन्दगंज,मछलीशहर पड़ाव के डाक्टर अभय प्रताप सिंह ने अपने जन्म दिन के अवसर पर नेक संकल्प लिया है। जनपद के प्रत्येक गांवो में समयानुसार तयशुदा कार्यक्रम के तहत जायेंगे और निशुल्क स्वास्थ्य शिविर लगाकर हड्डी रोग से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करेंगे और पीड़ित लोगों का उपचार होगा। मंगलवार सुबह लगभग 8.30 बजे प्राथमिक विद्यालय नवापुर (गोसाईपुर ) में आयोजित स्वास्थ्य शिविर में पहुंचे और हड्डी रोग से पीड़ित लोगों से बातचीत किये और दवा वितरण किये। बात, चीत के दौरान कहा कि उम्रदराज महिला व पुरुषो में गठिया रोग की शिकायत बहुत है। वजन का सामन न उठाये,पलथी मारकर ज्यादा न बैठे। खान,पान में पौष्टिकता को बढ़ावा दे तो काफी हद तक आराम की गुन्जाईश हो सकती है। बताया कि गांव का उगाया शुद्ध अनाज जो जैविक खाद से तैयार हो उसके सेवन से बेहतर स्वास्थ्य की कल्पना की जा सकती है,कहां आजकल सामान्य चोट पर भी हड्डियां टूट जाती हैं। रासायनिक खाद का असर मानव जीवन पर कुप्रभाव के रुप में दिख रहा है।कहा की नियमित व्यायाम और सुबह का धूप मानव जीवन में स्वास्थ्य के लिए वरदान है। जर्मनी में हुये शोध की चर्चा करते हुये बोले कि दाल और चावल को भोजन में स्वास्थ्य के लिए हितकारी बताया गया और पिज्जा, पाश्ता मैगी,को अहितकर कहां गया। बच्चों के लिए मैगी और चॉकलेट का सेवन नुकसानदायक है। जिससे बचने की जरुरत है।सौ वर्ष की उम्र तक जीने के लिए भारत की संस्कृति को अपनाना होगा और पाश्चात्य संस्कृति को छोड़ना होगा। अवसर पर अखिल भारतीय छत्रिय महासभा के जिलाध्यक्ष संतोष सिंह,अजय सिंह पप्पू,समाजसेवी,प्रमोद मिश्र, प्रधानाचार्य,संजय सिंह,लल्ली यादव,मन्ना विश्वकर्मा सहित काफी लोगों ने उपचार का लाभ लिया और दवा प्राप्त की। सौ वर्ष की उम्र के लिए अपनाना होगा,भारतीय संस्कृति, छोड़ना होगा पाश्चात्य शैली,डाक्टर अभय प्रताप सिंह।

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