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राजमाता कृष्णा पटेल का जब दर्द छलका,चलो प्रयागराज,आगामी 22 सितम्बर को है राष्ट्रीय अधिवेशन

जौनपुर। डाक्टर सोने लाल पटेल की विचारधारा के कई टुकड़े हो गये। सपना भी तितर,बितर हो गया। जिस दल को अपना खून पानी देकर सीचे, उंचाई मिलनी शुरु हुई तो आपसी पारिवारिक राजनैतिक वर्चस्व को लेकर खींचतान शुरु हुआ और अपना दल का मामला न्यायालय पहुंचा और आज भी विचाराधीन है। डाक्टर साहब जब तक जीवित रहे पार्टी के एजेन्डा को आगे बढ़ाते रहे। उनकी सोच राष्ट्रवादी और मानवतावादी थी,समता और समानता की बात करते थे।अमीरी-गरीबी की खाई पाटना चाहते थे। गरीबों, दलितों, शोषितो की उन्हें चिन्ता रहती थी। बसपा से राजनीति की शुरुआत की। जबतक विचार मिला संगठन की मजबूती को बल देते रहे।जब स्वाभिमान को ठेस पहुंचा तो पार्टी को छोड़कर अपना दल बना लिये। अपना दल के बहुत पुराने कार्यकर्ता सुनील कुमार पटेल ने बातचीत के दौरान बताया कि सन 2002 के विधानसभा चुनाव में भाजपा से गठबंधन हुआ 37 सीटों पर पार्टी ने उम्मीदवार उतारे।अपेक्षित सफलता न मिल सका। इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में फिर भाजपा से गठबंधन हुआ और दो सीट खाते में आयी। प्रतापगढ से कुंवर हरिवंश सिंह और मिर्जापुर से अनुप्रिया पटेल सांसद चुनी गयी। इसके बाद अपना दल विवादित हो गया। अपना दल सोनेलाल का गठन अनुप्रिया पटेल ने किया तो माता कृष्णा पटेल व पल्लवी ने अपना दल कमेरावादी। इस समय अपना दल एस का भाजपा से गठबंधन है। अनुप्रिया पटेल भारत सरकार में मंत्री है।इधर माता कृष्णा और पल्लवी ने कमेरावादी संगठन को बेहद मजबूत बना लिया है। माता जी ने हाल ही में पूर्वाचल सहित उत्तर प्रदेश के जिलों का दौरा की और डाक्टर सोने लाल से जुड़े कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और हाल,चाल पूछी। इस दरम्यान पुरानी बातें, यादें सुन उनकी आँखे कभी-कभी गीली हो जाती थी। कृष्णा माता के दौरा से कमेरा समाज पूरी तरह से उनके साथ एकजुट हुआ है। 3 सितंबर 2021को राजमाता डाक बंगला मडियाहू पहुंची। इधर भीड़ पहले से चपी थी। पुलिस प्रशासन कार्यकर्ता सम्मेलन नहीं होने देना चाहती थी क्योंकि भीड़ देख उसके माथे पर पसीने आने लगे थे। अपना दल कमेरावादी पार्टी के जिलाध्यक्ष सुनील कुमार पटेल जोर जोर से चिल्ला रहे थे कार्यक्रम को रोका जा रहा है। सम्मेलन होगा नहीं रुकेगा,प्रदेश अध्यक्ष राजवन पटेल पुलिस अधिकारी से बातचीत किये इसके बाद कार्यक्रम संपन्न हो सका। उत्तर प्रदेश के 2022 के विधानसभा चुनाव में गठबंधन का विशेष महत्व है। ऐसे में माता कृष्णा का झुकाव जिस दल की ओर गठबंधन होने पर होगा वह दल सरकार बनाने की स्थिति में पहुँच सकतीं हैं। पारिवारिक पृष्ठभूमि सुनील पटेल के अनुसार जाना गया, डाक्टर सोने लाल पटेल की चार बेटियां है। पारुल,पल्लवी,अनुप्रिया,अमन पटेल। दो बेटियां राजनीति में है तो दो गृहस्थ जीवन में है। खून का रिश्ता धुलने से नहीं धुलता। खून अपनी तरफ खींचता है।पिता डाक्टर सोने लाल और माता कृष्णा पटेल का खून इन चारों बेटियों में दौड़ रहा है। राजनीति में कब क्या हो जाय कुछ कहां नहीं जा सकता। खुदा नखास्ते कल को परिवार सभी गिला,शिकवा भुलाकर एक हो जाय तो उत्तर प्रदेश का राजनैतिक परिदृश्य बदल सकता है।राजमाता कृष्णा पटेल जब मडियाहू डाक बंगला आयीं थीं तो मैंने एक सवाल पूछा विरासत एक सियासत अनेक पहले तो समझ नहीं पायी जब हमने कहां महापुरुष एक और दल अनेक तो उन्होंने कहा कि चाहे कई दल हो जाय मै डाक्टर सोने लाल की पत्नी हूं अभी उनकी विरासत हमारी है।यही पर माता जी का दर्द छलका। अपना दल के बड़े नेताओं ने भी अखिल भारतीय अपना दल,राष्ट्रीय अपना दल,अपना दल ब का गठन किये हैं। मडियाहू उपचुनाव में पूर्व विधायक किशोरी लाल अपना दल के टिकट से चुनाव लड़ रहे थे।डाक्टर सोने लाल से मेरी पत्रकार वार्ता के दौरान बातचीत हुई तो ऐसा लगा वह बहुत जाग्रत आत्मा है। मानव कल्याणार्थ की अवधारणा से ओतप्रोत थे।आगामी 22 सितम्बर 2021 को सरदार पटेल संस्थान आलोपी बाग प्रयाग राज में राष्ट्रीय अधिवेशन है। जिसमें जन सैलाब उमडेगा ऐसी संभावना है। अपना दल कमेरावादी के जिलाध्यक्ष सुनील कुमार पटेल से जब इस बाबत बात हुई तो बोले की जनपद जौनपुर से दस हजार लोग अधिवेशन में पहुँच सकते है। मडियाहू विधान सभा छेत्र के पार्टी नेता विनय सिंह झगडू ने बताया कि मडियाहू से पांच हजार से अधिक लोग कार्यक्रम में भाग ले सकते हैं। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पार्टी के नेता व कार्यकर्ता जी जान से जुटे हैं। जेडी सिंह संपादक सतगुरु दर्पण

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