जौनपुर। भारत देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अमेरिका दौरा सार्थक रहा। विश्व मानव समुदाय के हितकारी ,कल्याणकारी,मानवतावादी विचारधारा को बढ़ावा मिला। असुरता फैलाने वाले देशों को सबक मिला। हैसियत में रहना। आराजकता की सोची तो सबक सिखा दिया जायेगा। देश की आर्थिक सम्पन्नता के साथ सामरिक शक्ति के बढ़ावा के लिये अनेक उपायों पर चर्चा तो हुई ही साथ ही अमल में लाने का खाका तैयार किया गया। समयानुसार सब हो रहा है जो भारत की प्रकृति चाह रहीं है। भारत विश्व शांति का युगों, युगों से पंछधर है। यह शांति का देश है।यहाँ शांति लेने के लिए अन्य देशों से भी लोग आते रहते है और निर्मल भाव की भावना से भारतीय संस्कृति की विधा के अनुसार आत्मा को परमात्मा से जोड़कर परम शांति का अनुभव करने लगते है।भारत विश्व को परिवार मानता है।सबके कल्याण की मंगलकामना करता है।दुनिया की फिजा आराजकता की भेंट चढ़ने की ओर तेजी से बढ़ रही है। जिसे रोकना नितान्त जरुरी था। विश्व गुरु नरेन्द्र मोदी जी के साकारात्म पहल से चरमपंथियों की बढ़ रही ताकत आज नहीं तो कल बेहद कमजोर होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। अमेरिका के राष्ट्रपति और वहां के नागरिकों ने जिस गर्मजोशी से देश के प्रधानमंत्री का स्वागत किया और भारतीय दर्शन और संस्कृति का मनमोहक प्रदर्शन किया उससे दोनों देशों के आत्मीयता को बल मिला। देश के प्रधानमंत्री के भारत वापस आने पर जोरदार तरीके से स्वागत किया गया। प्रधानमंत्री का अमेरिका दौरा रहा सार्थक,असुरता फैलाने वालों देशों को सबक,विश्व शांति की ईश्वरीय मंगलकामना।