जौनपुर। रामपुर विकास खण्ड का श्री परमहंस आश्रम नेवादा संतों की तपोभूमि के रुप में सुविख्यात है।मिट्टी की पवित्रता ने सतपुरुषो को अपनी ओर आकर्षित किया और भजन के मुकाम तक पहुंचाकर भगवत प्रेम की एक ऐसी धारा का प्रवाह किया कि स्थल पर पहुंचने पर असीम शांति का अनुभव होता है। मन निर्मल हो जाता है। आत्मा और परमात्मा का जुड़ाव हो जाता है। गुरु शिष्य परंपरा का संस्कार,विचार यहां की प्रकृति को ईश्वरीय बोध से ओत-प्रोत करती रहती है। भगवानानंद महाराज की दिव्य शक्ति आज भी यहां विराजमान है। श्री स्वामी शरणानंद जी महाराज,गुदडिया स्वामी जी उच्च कोटि के संत थे। श्री परमहंस आश्रम नेवादा में काफी समय तक तपस्या किये। राजा गुरु ने कहां कि फक्कड संत थे। अचला पहनते थे और वहीं ओढ़ते थे। गुदरी विस्तर रखते थें। पूज्य महाराज व्रम्हानंद महाराज ने बताया कि सन 1991 में आप यहाँ आये और घोर तपस्या किये। 22 जून 1998 को शरीर छोड़ दिये। शरीर समाधि आश्रम परिसर में बना है। जहां भक्त नियमित दर्शन पूजन करते है। निरंजन उपाध्याय पप्पू प्रधान ने बताया कि विगत वर्षों की भांति श्री स्वामी शरणानंद जी महाराज, गुदडिया स्वामी की 24 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर 21 जून 2022 को श्री रामचरित मानस का पाठ एवं दिनांक 22 जून को विशाल भण्डारे का आयोजन किया गया है। बबलु गुरु ने कहां कि गुरु भक्त, अध्यात्मिक अनुरागी, भाई - बहन आप सभी सादर आमंत्रित है।श्री परमहंस आश्रम नेवादा रामपुर मडियाहू जनपद का बहुत ही अलग दार्शनिक स्थल है। जहां की अनुभूति मे ईश्वर का वाश है। जेडी सिंह संपादक सतगुरु दर्पण जौनपुर उत्तरप्रदेश
Home / सुर्खियां / उच्च कोटि के संत थे गुदडिया महाराज, पुण्यतिथि पर पहले राम चर्चा फिर भण्डारा,श्री परमहंस आश्रम नेवादा रामपुर मे देश के कोने-कोने से आयेंगे संत-भक्त