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अपना भारत: वर्चस्व नामक घातक बीमारी से ग्रसित है अधिकांश क्षत्रिय, इनके अन्दर आज भी विद्यमान है राजशाही प्रवृत्ति

जौनपुर। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के जिलाध्यक्ष संतोष कुमार सिंह ने बातचीत के दौरान कहा कि क्षत्रिय आपस मे एकता लाये और समाज के दबे कुचले दीन हीन गरीब लोगो के जीवन स्तर को उपर उठाने मे उनकी मदद करे। अमीर गरीब की खाई को पाटकर आपस मे मेल जोल रखिये और भाईचारा को बढ़ावा दीजिए। जब उनसे सवाल किया गया क्षत्रिय कभी आपस मे एकजुट नही हो सकते है तो उन्होंन कहा कि प्रयास होगा, एक दूसरे को आपस मे जोडा जायेगा,मतभेद दूर होगा,वर्चस्व नामक घातक बीमारी से अधिकांश क्षत्रिय ग्रसित है,रुतबा को अपना स्वाभिमान समझते है। राजशाही प्रवृत्ति इनके अन्दर आज भी विद्यमान  है,खुद के मान सम्मान स्वाभिमान की रक्षा के साथ राष्ट्र की सुरक्षा और भारत देश के आन बान शान की महानता बरकरार रहे इसके लिए प्राणो की आहूति देते आ रहे।इतिहास गवाह है। मानव सेवा को ईश्वर सेवा मानते है। पहले के फिल्मो मे ठाकुर साहब के चरित्र को बहुत ही घटिया रुप से पेश किया गया। जिसका भारतीय समाज मे क्षत्रिय जाति के लोगो पर बुरा असर पड़ा,भारत देश की आम जनता मे हिन्दी फिल्म के माध्यम से क्षत्रिय जाति के चरित्र को खलनायक के रुप मे पेश किया। ताकि देश के अन्य जाति मे इनके प्रति नफरत पैदा हो जाय। क्षत्रिय की वीरता,राष्ट्र भक्ति,जनसेवा,दीनता,दूसरो की भलाई करना,यह सब सोच को दरकिनार कर दिया गया। उन्हे धरती का सबसे बुरा इन्साफ बताने की कोशिश की गयी। ईश्वर के घर देर है अन्धेर नही, फिल्म बनाने वालो के ज्यादती के खिलाफ क्षत्रिय समाज जब लामबंद हुआ,फिल्मो का विरोध हुआ,अब वालीवुड की फिल्मो पर देश के लोगो का नजर है। वायकाट का आपसन है,शेयर है,लाईक है,सेव है,डिलीट है,सोशल मीडिया का दौर है,सबकी अपनी अपनी कूबत सबके नजर मे है। जेडी सिंह  

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