जौनपुर। रामनगर विकास खण्ड के गोपालापुर ग्राम सभा के संभ्रांत नागरिक पूर्व प्रधान उमाकान्त बरनवाल ने कहा कि ईश्वर भावनात्मक प्रतीक है,जैसा इन्सान के घट भीतर भाव होता है वैसा ही अनूभितू अनुभव क्रिया कलाप जनमानस के बीच उपजता रहता है।ईश्वर नाव भी है और नाविक भी है,शत प्रतिशत समर्पण, विश्वास और भरोसा है तो ईश्वर हर क्षण आपके एकदम करीब मे है।ईश्वर कर्ता है।लेकिन आज का जो वातावरण है उसमे अधिकांश मनुष्य कर्ता बने स्वयं घूम रहा है।उसे कुछ करने का अभिमान है। कहा कि लोग आज ईश्वर से भी संतुष्ट नही है।वजह क्या है के सवाल पर उन्होंन कहा कि अपेक्षाओ की पूर्ति न होने के कारण मनुष्य ईश्वर मे भी दोष देखने लगता है,सफलता असफलता दोनो प्रभु के हाथ है। कहा कि जब हम सफल हो जाते है तो ईश्वर को धन्यवाद करते है और अपने बुद्धि कौशल की तारीफ खूब करते है असफल हो जाने पर परम पिता परमेश्वर को कोसते है। परमात्मा तूने यह क्या कर दिया है। जेडी सिंह