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मन के बिकार से है मनुष्य हैरान और परेशान, जैसी प्रकृति बनायेगे वैसा होगा आचार विचार संस्कार, सुबोधानंद महाराज

जफराबाद। जौनपुर। धर्म पथ पर ही चलकर मानव जीवन का कल्याण संभव है। मन के बिकार से मनुष्य हैरान और परेशान है। मन निर्मल है तो जीवन उज्जवल है और भगवान की दिव्य अनूभूति से आत्मा प्रफुल्लित होती है। सुबोधानंद महाराज ने विशेष बातचीत मे यह बात कही। उन्होंन कहा कि दाता एक राम है। जो सबका भरण पोषण कर रहा है और सबमे समाया है। कहा कि जीवन सत्य है,मृत्यु सत्य है। जीवन और मृत्यु के बीच मे कर्म की प्रधानता है। खाली जीवन मे भरना है। इन्सान क्या भरता है यह उसके सोच और विवेक पर डिपेन्ड करता है। यदि ईश्वर मे विश्वास है,भक्ति है,समर्पण है तो उसे ईश्वरीय गति का अनुभव मिलना प्रारंभ हो जायेगा और आत्मा का परमात्मा से मिलन हो जायेगा और मनुष्य को जनम और मरण के बंधन से मुक्ति मिल जायेगी। जैसी प्रकृति बनायेगे वैसा ही आचार विचार संस्कार होगा। एक बनो नेक बनो। भारत देश की प्रकृति से ही विश्व के अन्य देशो को शान्ति रुपी उर्जा संचारित है। जो विश्व के मानव को मानवता,भाईचारा का संदेश देते हुए धर्म पथ पर चलने को प्रेरित कर रही है। इस अवसर पर देश के माने जाने भजन गायक कलाकार राकेश तिवारी,जगरनाथ सहित अन्य लोग उपस्थित रहे। जेडी सिंह

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