मड़ियाहू। जौनपुर। प्रधान पद की एक गरिमा है। कर्तव्य पथ का निर्वहन करना दायित्व है। जनसेवा करना संस्कार है। ग्राम पंचायत का धीरे, धीरे शहरीकरण हो रहा है। आम जनमानस से जुड़ी सुविधा बेहतर हुई है। ग्राम सभाओ मे जिस दिन से ग्राम पंचायत सदस्य की अहमियत को बढ़ा दिया जायेगा और उनके विचार को गाव के विकास के साथ जोड़कर देखा जाय तो गांव की एक रचनात्मक नूतन छवि उभर कर सामने आयेगी। पंचायतीराज का धरातल बेहद कमजोर है। नियमावली के अनुसार कार्य हो तो हर समस्या का निस्तारण हो सकता है। गांव की राजनीति विघटनकारी है। जो भाईयो के आपसी प्रेम को छीन लिया है। आपसी भाईचारा नफरत मे तब्दील हो गया है। पारिवारिक एकता छिन्न भिन्न हो गया है। जिस ग्राम सभा का जैसा प्रधान है जैसी उसकी प्रकृति है वैसा गांव का माहौल है। हालांकि ग्राम सभा के विकास के लिए हर प्रधान प्रतिबद्ध है। दुख की घड़ी मे गरीबो का प्रधान सहाई बनता है। शादी-ब्याह, मरनी करनी के अवसर पर निहायत गरीब लोगो की प्रधान मदद करता है। कुछ प्रधानो की राजनैतिक सोच अच्छी है तो उस गांव का माहौल आनंद मय है। जबकि कुछ ग्राम सभाओ के प्रधान जनता को आपस मे तरह, तरह के राजनैतिक तरीको से लड़ा दिये है। जिससे वहा के माहौल मे उबन जैसी स्थिति है और लोग तरह तरह की परेशानी से जूझ रहे है। इन दिनो एक शब्द की मानव समाज मे विशेष गूज है। प्रधान हमारा मजदूर है। दरअसल जनता से चुने प्रधान का अपना एक अलग गरिमा और सम्मान है। कुछ प्रधान ऐसे भी है जो बधुआ मजदूर की तरह है। उनका मुहर भी दूसरे के पास है। निर्णय भी कोई दूसरा कोई लेता है। चुनाव जीतने के बाद प्रमाण पत्र लेने के बाद फिर ब्लाक पर न के बराबर दिखाई देते है। प्रधानी कोई और कर रहा है। सत्ता का सुख कोई और भोग रहा है और समाज मे कहता फिर रहा है हमारा मजदूर प्रधान है। जबकि असली प्रधान अपनी दयनीय दशा पर आसू बहा रहा है,खाने के लाले है और नकली प्रधान सत्ता का सुख भोग रहा है। ऐसी अनीति आखिर कब तक चलेगी। कुछ ऐसे लोग है जो कई बार प्रधान रहे और जब सीट ओबीसी या अनुसूचित की होती है तो अपने मजदूर को चुनाव लड़ाते है और धनबल की ताकत से प्रधान बना लेते है और प्रधानी अपने करते है। जीता हुआ प्रधान मजदूर के रुप मे स्वामी के यहा काम करते है। कुछ प्रधान ऐसे भी है जो मजदूरी करके अपना भरण पोषण कर रहे है। कास उनको भी प्रधानी करने का अवसर मिलता जो प्रधान होकर बधुआ मजदूर की तरह जीवन यापन कर रहे है। जेडी।
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