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धरा पर सब धरा रह जायेगा, जिस दिन देह रुपी पिंजरे से राम तत्त्व निकल जायेगा, एक बनो, नेक बनो ईश्वर को यह पसंद आयेगा

रामनगर। जौनपुर। ईश्वर की अनूभूति मिलना सहज और सरल है। माया की अपनी गति है। इन्सान उसी मे उलझकर उलझन मे है। यह अवधारणा मनुष्य मे होना चाहिए धरती के सभी आत्मा का एक दूसरे से जुड़ाव है। परम सत्ता के आलोक से सबका जीवन संचालित है। विचार शून्यता मे ईश्वरीय अनूभूति है। एक बनो नेक बनो ईश्वर को यह पसंद आयेगा। मन को स्थिर करना होगा। तभी कुविचार से छुटकारा मिल सकता है। इन्सान की सोच हितकारी और मानवतावादी होना चाहिए, धरा पर सब धरा रह जायेगा,जिस दिन देह रुपी पिंजरे से राम तत्त्व निकल जायेगा उसी समय से मरा शब्द मरणासन्न कर देगा। भगवान को याद करने मे ही भलाई है। ईश्वर सत्य है। संसार को उसी ने बनाया है। प्रकृति रुप मे उसकी छबि दिख रही है। राम नाम सुखदायी है। दुख को हरने वाले है। परमार्थी बनकर उनका सारथी बनिये जो दीन हीन निर्बल है। ईश्वरीय चर्चा परिचर्चा मे एडीओ पंचायत रामनगर उमाकान्त पाण्डेय, मंदिर के पुजारी मोहन तिवारी और जेडी सिंह उपस्थित रहे।

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