जौनपुर। रामनगर विकास खण्ड के ग्राम पंचायतो मे प्रधानी की पंचायत शुरु है। प्रधान पद के भावी उम्मीदवार ताल ठोंककर मैदान मे उतर चुके है। कहीं,कहीं तो होर्डिंग्स भी लगें है। सोशल मीडिया पर भी बैनर दिख रहा है। चुनाव लड़ने और लड़ाने वाले वोटों का समीकरण बिठाने का दांव-पेंच अभी से खेलने लगे हैं। परिवारों मे भी फूट डालकर वोटों को अपनी,अपनी ओर खींचने का कवायद शुरु है। सीटों का आरक्षण फाइनल होते ही चुनावी सरगर्मी तेज हो सकता है। पंचायत चुनाव के मर्मज्ञ राजनैतिक लोग समय पर चुनाव होने की बात कर रहे है। वर्तमान समय मे जो प्रधान है,अधिकांश प्रधान आरक्षण के अनुसार चुनावी दांव खेलेंगे। खुद फिट होंगे तो स्वयं मैदान मे होगें नहीं तो किसी न किसी को सेट करके रखेंगे। महिला सीट है तो महिला को लड़ायेंगे। पुरुष सीट है तो पुरुष को लड़ायेंगे।धनबल,बाहुबल,शराबबल, मुर्गाबल,पनीरबल के दौर से प्रधानी जीतने का पुरजोर प्रयास होगा,ऐसी संभावना से इंकार नही किया जा सकता है। गांवो मे जो राजनैतिक सेवा दे रहा है। उसके लिए प्रधानी का चुनाव जीतना कुछ हद तक आसान है। गांव के लोग ऐसे हैं अगर उनके साथ एहसान किये है तो साथ भरपूर देने मे पीछे नही हटते। वर्तमान समय के प्रधानों का जनसेवा प्लस है। नये उम्मीदवारों के लिए चुनाव जीतना कठिन हो सकता है। यदि चुनावी प्रबंधन अच्छा रहा तो परिणाम चौंकाने वाला हो सकता है। ग्राम पंचायत चुनाव में भ्रष्टाचार का मुद्दा हाबी हो सकता है। कुछ प्रधानी करने वाले लोग भी अपना प्रधान बनाने का ताना-बाना बुनने लगें है। बहुत से लोगो की यह मंशा है कि अपने जुगती, जुगाड से धनबल के जोर से प्रधान बनायेंगे और प्रधानी करेंगे।यह एक प्रकार से रईशी बन गया है। जेडी सिंह
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