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गुरु सेवा के लिए जाने जाते है इटियाबीर के बालक दास, राधाकृष्ण मंदिर की महिमा अपार, कई सौ साल से चल रहा है गुरुकुल परंपरा

जौनपुर। पाप दुख का कारण है,आमजन से जाने, अनजाने वचन और कर्म के द्वारा किसी न किसी के दिल को किसी न किसी के द्वारा दुख मिल रहा है। दुखिया संसार मे संत जन सुखी है। तपस्यारत है। जनमानस का जनकल्याण कर रहे है।सबका भला करना ही उनके जीवन का उद्देश्य होता है। मड़ियाहू तहसील के रामनगर विकास खण्ड के इटियाबीर ग्राम पंचायत स्थित ऐतिहासिक राधा कृष्ण मंदिर की महिमा अपार है। जहा कई सौ साल से गुरु शिष्य ज्ञान पंरपरा का बखूबी निर्वहन हो रहा है। ध्यान से ज्ञान और भक्ति से सहज ईश्वर की अनूभूति का स्वाद भावानुसार दर्शनार्थी को मिलता रहता है। गुरु-शिष्य परंपरा के सातवी पीढ़ी के संत मुरलीधर दास त्यागी और बालक दास से विशेष बातचीत हुई। जिसमे उन्होंन बताया कि कई सौ साल से संतो की तपोभूमि से भक्ति की अविरल धारा प्रवाहित है। कहा कि सातवी पीढ़ी है। गुरु गद्दी पर गुरु प्रताप चला आ रहा है।श्याम दास जी महाराज की कृपा सेवा रुप मे प्रकट है,बालक दास अपने गुरु की आजीवन सेवा करके भक्ति की मिशाल पेश किये है। जिसकी जनमानस मे चर्चा है। आठ मार्च 2022 को सौ साल से अधिक जी करके शरीर छोड़ दिये जैसा कि बताया गया है। आत्म तत्व परमात्म तत्व मे विलीन हो गई। जीवत्व शिवत्व मे मिल गया। आठ एक्कड मे फैले इस गुरुकुल आश्रम मे नित्य सुबह शाम सतसंग,भजन सिमरन पूजा पाठ होता है। जेडी सिंह

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