BREAKING NEWS
Home / सुर्खियां / मानव हितो के उद्देश्य पूर्ति मे जुटा रामपुर क्षेत्र पंचायत, विकास मे निपुणता का अहम रोल- राहुल सिंह प्रमुख

मानव हितो के उद्देश्य पूर्ति मे जुटा रामपुर क्षेत्र पंचायत, विकास मे निपुणता का अहम रोल- राहुल सिंह प्रमुख

रामपुर। जौनपुर। मानव समाज के विकास मे निपुणता का अहम रोल है। निश्चित तौर पर हर व्यक्ति कही न कही से किसी न किसी विषय क्षेत्र मे कुशल है। माहिर है।भारत सरकार और राज्य सरकार भी युवाओ को प्रशिक्षित करके होनहार बनाती है फिर निपुणता का राष्ट्र निर्माण मे भरपूर सहयोग मिलता है। प्रतिभावान व्यक्तित्व से ही मानव विकास की नई नई उचाइओ को छू रहा है। रामपुर प्रमुख राहुल सिंह से विकास व उसके पहलू पर विशेष चर्चा वृहस्पतिवार को दोपहर मे खण्ड विकास कार्यालय मे हुई। जिसमे उन्होंन कहा कि भारत देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ की कुशल निपुणता से सामाजिक,आर्थिक सांस्कृतिक व्यावहारिक जैसे मानवीय गुण का विकास जन-जन मे प्रबल हुआ है। कहा कि रामपुर विकास खण्ड के सभी ग्रामसभाओ की जनबुनियादी सुविधा बेहतर हो गया है। परिवर्तन ही विकास है। ग्राम सभाओ मे हुए विकास कार्य सरकार की मानवतावादी और समानतावादी सोच को दर्शा रही है। उन्होंन कहा कि 82 ग्राम सभा मे लगभग 150 सौ तालाब है। वर्तमान समय मे सरकार जल संचयन और ग्रामीणो को एक पर्यटन स्थल के रुप मे तालाबो को विकसित करके सुरम्य वातावरण का सृजन कर रही है जो देखने मे मनोहारी लग रहा है। देख लीजिए अमृत सरोवर योजना के तहत बने तालाबो को। उन्होंन कहा कि क्षेत्र पंचायत मानव हित के उद्देश्यो को पूरा करने मे जुटी है। जिन ग्राम सभाओ मे सड़क का अभाव है प्रस्ताव के अनुसार वहा इण्टरलाकिग लगाने का कार्य कही पूरा है तो कही चल रहा है। प्रकाश व्यवस्था के तहत प्रत्येक ग्राम सभा मे आवश्यकतानुसार 20 से 25 स्ट्रीट लाइट लगवाने का काम किया गया है। आगे और जैसी जरुरत होगी प्रकाश के लिए अन्य तरीके की और लाइट लगायी जायेगी। प्रमुख ने कहा कि विद्युत व्यवस्था के तहत लगे जर्जर तारो,खंभो और ट्रांसफार्मरो को विद्युत विभाग के सहयोग से जरुरत के अनुसार समय समय पर दुरुस्त कराया जाता है। रामपुर विकास खण्ड के सार्वजनिक स्थलो पर 65 गांव मे सोलर पंप लगे है। जो आमजन को पीने के लिए शुद्ध जल मुहैया करा रहे है। कहा कि विकास एक निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है। मानव के जीवनकाल मे आए विभिन्न प्रकार के परिवर्तनों को सामान्य भाषा मे विकास के नाम से जाना जाता है। विकास की प्रक्रिया मे शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, भावनात्मक आदि पहलू सम्मिलित हैं। मनुष्य के जीवन मे प्रगति की राह मे होने वाले क्रमिक परिवर्तनों को विकास की संज्ञा दी गई है। विकास का क्रम आजीवन चलता रहता है। परिपक्वता की अवस्था के बाद उसकी गति धीमी जरूर हो जाती है, लेकिन रूकती नही।
विकास का अर्थ परिपक्वता से संबंधित परिवर्तनों से हैं जो मानव के जीवन में समय के साथ घटित होते रहते हैं।”
विकास का अर्थ परिपक्वता और कार्यपरक सुधार की व्यवस्था से है जिसका संबंध गुणात्मक एवं परिमाणात्मक परिवर्तनों से हैं।”
विकास एक ऐसी प्रक्रिया है जो व्यक्ति के जन्म से लेकर उस समय तक चलती रहती है जब तक कि वह पूर्ण विकास को प्राप्त नही कर लेता हैं।”
विकास अभिवृद्धि तक सीमित नही है,अपितु इसमे परिवर्तनों का वह प्रगतिशील क्रम निहित है, जो परिपक्वता के लक्ष्य की ओर अग्रसर होता है। विकास के परिणामस्वरूप व्यक्ति मे नवीन विशेषताएं और नवीन योग्यताएँ प्रकट होती है।”
विकास मे शारीरिक परिवर्तनों के साथ-साथ मानसिक परिवर्तन भी होते है। इसमे मात्रात्मक की अपेक्षा गुणात्मक परिवर्तनों पर अधिक बल दिया जाता है।
विकास एक प्रगतिशील प्रक्रिया है।
विकास एक परिपक्वता उन्मुख प्रक्रिया है।
अभिवृद्धि की तुलना मे विकास एक व्यापक सम्प्रत्यय है, इसमे व्यक्ति के जीवनकाल में आये सभी परिवर्तनों को भी सम्मिलित किया जाता है।
विकास एक सतत् एवं क्रमिक प्रक्रिया है, इसमे प्रत्येक अवस्था स्वयं की पूर्व अवस्था से किसी न किसी माध्यम से जुड़ी रहती है।
विकास के फलस्वरूप व्यक्ति मे नवीन विशेषताएं एवं योग्यताएं प्रकट होती है।
व्यक्ति का जन्म, विकास तथा मृत्यु सदैव ही मानव के अध्ययन के लिये जिज्ञासा बने रहे हैं। विकास का अध्ययन मानव व्यवहार की पूर्णता को जानने के लिए होने लगा है। यों इसका महत्व और बढ़ गया। आज व्यक्ति के विकास की विभिन्न अवस्थाओं का ज्ञान प्राप्त करना अनेक नवीन पहलुओं का अध्ययन करने के लिए जरूरी हो गया हैं।
विकास का अर्थ बड़े होने या कद एवं भार के बढ़ने से नही हैं। विकास मे परिपक्वता की ओर बढ़ने का निश्चित क्रम होता है। यह एक प्रगतिशील श्रृंखला होती है। प्रगति का अर्थ भी दिशाबोध युक्त होता है,प्रत्येक प्रकार का परिवर्तन इस बात पर आधारित होता है कि वह किस प्रकार क्रम का निर्धारण करता है। विकास सामान्य प्रयत्न से अधिक महत्व की चीज है। विकास का अवलोकन किया जा सकता है एवं किसी सीमा तक इसका मूल्यांकन एवं मापन भी किया जा सकता है। जगदीश सिंह संपादक जौनपुर

About jaizindaram