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भारत देश की ईश्वरीय परंपरा: अपराध से मुक्ति और शान्ति के लिए समय-समय पर मनुष्य रुप मे ईश्वर लेते है अवतार, दानवता पर होता है वार और मानवता को दिया जाता है बढ़ावा,मारने वाला है भगवान, बचाने वाला है भगवान

जौनपुर। भारत ही नही विश्व के किसी भी देश के लोगो के लिए अपराध एक जटिल समस्या है। जिसके अन्त के लिए ईश्वरीय प्राविधान है। भारत देश का एक बहुत ही प्रचलित भजन है मारने वाले है भगवान बचाने वाला है भगवान। सृष्टि मे मानव सहित हर जीव का एक उम्र निर्धारित है।अच्छे कर्म है तो जीवन ताउम्र है। जितना
श्वास-प्रश्वास खेला प्रभु ने रचा है पात्र रुप मे शरीर मे रोल करना है। फिर शरीर छूट जाना है। कर्मानुसार जीवन के आगे की गति है। भारत मै सदैव से दानवता और मानवता को लेकर बड़े बडे युद्ध होते आ रहे है। इतिहास गवाह है दानवता जब हाबी होता है तो अत्याचार बढ़ता है। मानवता जब वृहद रुप लेता है। तब लोग धर्मानुरागी बन खुद के मानव रुपी मंदिर मे उस विराट सत्ता से बात करते है। महसूस करते है।जीवन को धन्य बनाते हुए परमसत्ता के साथ खुद को पाते है। भारत भगवान का देश है। समय समय पर अवतरण होता है। दानवता खत्म होता है। मानवता बढ़ता है। धर्म की स्थापना होती है। अधर्म का नाश होता है। कर्म के अनुसार जीवो का अपना अपना जीवन है जैसा बीज बोयेगे वैसा फसल काटेगे। यह कटू सत्य है। भारत राम कृष्ण कबीर तुलसी रैदास गुरुनानक जैसे महापुरुषो की धरती है। जिनके पावन विचार और कर्म भारतीय प्रकृति का मूल हिस्सा है। अपराध को खत्म करने के लिए समय, समय पर धरती पर ईश्वर स्वयं मनुष्य रुप मे अवतार लेते आ रहे है। संत और भक्त मानव कल्याण का काम करते है। वर्तमान समय मे भारत देश के दो संत मोदी और योगी भारत की प्रकृति मे ऐसा वातावरण तैयार कर रहे है आने वाले दिनो मे भारत अपराध मुक्त बन सकेगा। अपराध खत्म हो इसके लिए सबको सोचना होगा और अपने, अपने स्तर से पहल करना होगा। अपराधी का न कोई जात है न धर्म है न मजहब है।उनका मकसद एक ही है अपराध करके लोगो को डरवाना,धमकाना आर्थिक साम्राज्य बनना। भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार की मन्शा अपराध मुक्त भारत की ओर बढ चला है। ऐसा प्रतीत हो रहा है। जगदीश सिंह संपादक सतगुरु दर्पण जौनपुर

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