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स्थानीय निकाय चुनाव मड़ियाहू : राजनीति के दो धुरंधर आमने- सामने,कमाल का अपना कमाल है तो इस बार परमजीत सिंह का भी भाजपा को जीताने का ख्याल है,मैनेज शब्द की प्रभुता की चपेट मे है लोग

जौनपुर। स्थानीय निकाय चुनाव मे दाव पर दाव लग रहा है। राजनैतिक बिसात बिछाकर नगर पंचायत मड़ियाहू अध्यक्ष पद की कुर्सी पर रुकसाना कमाल को दोबारा बिठाने का सपना कमाल का पूरा होता है या अधूरा रह जाता है। यह वक्त बतायेगा, मैनेज शब्द राजनीति मे काफी अहम है। उदाहरण के लिए ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत,जिला पंचायत के अलावा नगर पंचायत के चुनाव मे भी मैनेज शब्द की उपयोगिता बढ़ी है। जिसके पास मैनेज शब्द की प्रभुता है उसके साथ विजय है। भाजपा,सपा, बसपा के कुछ ऐसे वोटर व कार्यकर्ता व नेता है जो इस चुनाव के दरम्यान मैनेज हो सकते है। जैसी चर्चा है, मीडिया के अलावा तमाम ऐसे परसन है जो मेनैज शब्द से विभूषित हो सकते है। कमाल अपना कमाल दिखा रहे है तो परमजीत सिंह भी भाजपा प्रत्याशी सोनी जायसवाल को जीताने के लिए मैदान मे उतर चुके है। राजनीति के दो धुरंधर अब आमने – सामने है। परमजीत की विशेष सक्रियता भाजपा को जीत दिलाने मे मददगार साबित हो सकती है। आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी लक्ष्मी नारायण चौरसिया की सक्रियता भाजपा वोटरो को प्रभावित कर सकता है। सपा नेता सिकंदर प्रत्याशी फरहत जहां को जीताने के लिए मजबूत चुनावी रणनीति बनाकर उस पर काम कर रहे है। कमाल अगर कमाल है तो सिकंदर भी सिकंदर है। इधर भाजपा की ओर से परमजीत ने चुनाव जीताने का कमान अपने हाथ मे ले लिये है। जैसी लोगो मे चर्चा है और जनसंपर्क मे भी दिख रहे है। जेडी सिंह

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