जौनपुर। जन्म है तो मरण भी है। आये है सो जायेगे राजा रंक फकीर, चन्द दिनों की जिन्दगी है। वह भी ईश्वरीय कृपा जब तक है। इन्सान धरती पर मेहमान है। मालिक नही। विज्ञान चाहे जितना विकास कर ले परमात्म ज्ञान से ही उसका भी अस्तित्व है।विज्ञान विनाशकारी है। परमात्मा जीवो के भरण-पोषण के साथ विधि के विधान के तहत नियमानुसार अपनी लीला भाति- भाति तरह से और भाति -भाति लोगो से करवा रहा है।साक्षी भाव मे दिन मे सूर्य का समय से उगना और अस्त होना,तपना फिर शीतलता के लिए रात मे चाद के साथ तारो का आसमान मे टिमटिमाना, मानव जीवन की लीला मे ईश्वरीय लीला भी है। पथ है घुमाव है मंजिल पर पहुंचना है राह की जानकारी है तो थोड़ा जल्दी पहुंचना होगा। नही जानकारी है तो कष्ट सहते• सहते उसी तत्व मे मिलना है जिस तत्व से उत्पत्ति है। राम तत्त्व है पंचभूत को पावरफुल बनाते है। जीवन मे जब तक राम है तब तक जिन्दगी है। ठीक शब्द का उल्टा मरा। इसलिए कहा जाता है राम नाम सत्य है। सत्य को पकड़कर रखिये भव से पार हो जायेगे। रामनगर विकास खण्ड क्षेत्र पाजटिव उर्जा से भरपूर है। लोगो के पास सोच है।नेवढिया क्रांतिवीरो की धरती है। विद्वता की वजह से इसे लहुरी काशी का नाम मिला है। दुखद है कि रामनगर धनबल की राजनीति मे पूरी तरह से जकड़ा गया है। वो जो चाहेंगे वही होगा। क्षेत्र पंचायत रामनगर का पिछला कार्यकाल और वर्तमान की निष्पक्ष जांच सरकार करवा ले तो उसे यह पता हो जायेगा कि आखिर क्या हो रहा है। धन कमाने के लिए इन्सान को इतना भी नही गिरना चाहिए कि समाज मे उसको लेकर तरह तरह की टिप्पणी होने लगे। जगदीश सिंह संपादक जौनपुर,जय जिन्दाराम