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राजनीति मे धनबल की ताकत लोकतंत्र के लिए खतरा,पत्रकारो की पहचान खबर से होनी चाहिए, पत्रकारिता होता जा रहा बेहद रिस्की

जौनपुर। पत्रकारिता उन पत्रकारो के लिए बेहद रिस्की हो गया है जो इस मिशन को सच्चाई और ईमानदारी से आगे बढ़ा रहे है। भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार का भयमुक्त भ्रष्टाचार मुक्त समाज के स्थापना पर जोर है। भय की स्थिति उत्पन्न करने वालो पर सरकार सख्त है। माफियागिरी कमजोर होने की ओर है। जबकि दबंगई चरम पर है। भ्रष्टाचार के खिलाफ खबर लिखने पर दबंग की दबंगई सामने आने लगता है। धनबल की ताकत से जनप्रतिनिधि बनने वाले या बनाने वाले नियम कानून को ताखपर रखकर दशहत पैदा करके विकास कार्यो को बढ़ावा दे रहे है। जमीनी हकीकत जानकर होश उड़ जायेगे। हाथ लंबे होने और सत्ता मे पकड़ होने की वजह से उनका कोई कुछ बाल बाका नही कर सकता। विकास के नाम पर सरकार अकूत धन खर्च कर रही है। जिसका भरपूर दुरुपयोग हो रहा है। अगर पत्रकार सच्चाई और ईमानदारी से कर्तव्य निष्ठ बनकर पत्रकारिता करता है तो उसके सामने जटिल से जटिल समस्या उत्पन्न करके उसको परेशान किया जा सकता है। जान पर भी आफत आ सकती है। राजनीति मे धनबल की ताकत लोकतंत्र के लिए खतरा बनता जा रहा है। जिस दिन से अखबार और पत्रकार खबरो के प्रति विशेष सजग नजर आयेगे उस दिन से पत्रकारिता का तेवर बदल जायेगा। पत्रकारो की पहचान खबर से होनी चाहिए,चापलूसी और किसी के मन वाली पत्रकारिता से बचना होगा। पत्रकार साथियो कलम की धार तेज करके अपने बजूद को बचाने के लिए पत्रकारिता के सही पृष्ठभूमि को जनमानस के बीच लाना होगा। जेडी सिंह संपादक सतगुरु दर्पण

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