जौनपुर। बहुत बड़े सौभाग्य की बात है कि किसी गाँव मे संतो की तपस्या और गुरुकुल परंपरा का निर्वहन वर्षो से होता आ रहा है। रामनगर विकास खण्ड के इटियाबीर ग्राम सभा मे लगभग चार सौ वर्ष पुराना राधा कृष्ण मंदिर है। जहां एक से बढ़कर एक संतो ने तपस्या किया है और नामदान की वख्शीस शिष्यो को दिया। उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ की अवधारणा है। प्रदेश मे पर्यटन को बढ़ावा मिले। इस निमित्त ग्रामीण परिवेश मे सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के लिए पर्यटन स्थल के रुप मे राधा कृष्ण मंदिर के विकास हेतु जफराबाद विधायक जगदीश नारायण राय ने पर्यटन विभाग जौनपुर/ वाराणसी को पत्र लिखा।विभाग की सक्रियता बनी और जेई रिषभ पाण्डेय मौक पर आये और स्थलीय निरीक्षण करके स्टीमेट बनाकर मार्च माह 2023 को शासन को भेज दिये है। बजट स्वीकृत होते ही तालाब का सुन्दरीकरण,भव्य घाटो का निर्माण, आश्रम की बाउन्ड्री,समरसेबल,ब्रेन्च,ग्रीन गार्डन, इण्टरलाकिग,मंदिर मे टाईल्स,स्लैप का काम, 5 सीटर सामुदायिक शौचालय,तालाब के पास आरसीसी गेट,मंदिर मे खिड़की दरवाजा,वायरिंग,शेड सहित अन्य कार्य होगा। राधाकृष्ण मंदिर आश्रम के महंथ मुरलीधर दास त्यागी ने इस बात की पुष्टि करते हुए हर्ष जताया कहा कि यह भगवान का काम है। जो बहुत ही नेक है। उन्होंन बातचीत के दौरान बताया कि बचपन से ही आश्रम मे साधु बनने का अवसर प्राप्त हुआ जो जीवन को धन्य बना दिया। गुरु सेवा के तपोबल से ईश्वरीय अनूभूति का दिव्य आनंद हर क्षण महसूस होता है। बताया कि पिता बजरंग दास विभीषण कुण्ड अयोध्या के महात्मा से गुरुमुख थे। बीसो वर्ष तक राधा कृष्ण मंदिर पर तपस्या किये। जिस वजह से बचपन से ही भगवान की भक्ति मे मन रमने लगा। उन्होंन कहा कि सबसे पहले इस गुरुकुल आश्रम पर राघव दास महाराज आये,उनके बाद बिहारी दास महंथ बने। जिनके दो शिष्य हुए। राधिका दास और मोहन दास, राधिका दास ने बनारस के जमींदार से 13 बीघा जमीन आश्रम के लिए प्राप्त किये। जिसमे 6 बीघा जमीन पर सिकमी लग गया। 7बीघा जमीन शेष बचा है। बताया कि संत ने तालाब खुदवाये। मोहनदास ने खूब तपस्या किये। जिनके दो शिष्य राधा मुकुन्द और श्याम दास हुए। श्याम दास सौ वर्ष से अधिक जीवित रहे। 9 मार्ग 2022 को गोलोकवासी हो गये। श्याम दास के शिष्य मुरलीधर दास है जो इस समय आश्रम के महंथ है। सन 2009 मे ही मुरलीधर दास को काशी ,जौनपुर से पधारे संतो भक्तो के बीच वैदिक विधान के तहत महंथ बनाया गया। जिनको गुरु सेवा के लिए लोगो मे विशेष आदर मिलता है। बताया कि दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा होता है। मेला लगता है। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। गुरुपूर्णिमा पर दूर , दूर से शिष्यो का गुरु दर्शन के लिए आना होता है।अवसर पर भव्य भण्डारा का आयोजन होता है। जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर के दूरी पर यह भव्य देव स्थान स्थित है। सीतमसराय से और इटाए माइनर से निन्दुरपुर होते हुए स्थान पर जाया जा सकता है। परशुरामपुर बाजार से भी जाने का रास्ता है। जिन •जिन स्थानो पर संतो ने तपस्या किया है आज वह, वह स्थान बडा•बडा तीर्थ बन गया है। श्रद्धालु भक्त दर्शन पूजन के लिए आते, जाते रहते है। समय आ गया है। इटियाबीर का ऐतिहासिक राधाकृष्ण मंदिर आश्रम भव्य बनेगा और गुरु कृपा का आशिर्वाद स्थान पर आने वाले भक्तो को मिलता रहेगा। जेडी सिंह