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मनुष्य अपने स्वभाव के अनुरूप करता है आचरण, आरके पटेल विधायक मड़ियाहू

जौनपुर। बातो,बातो मे मड़ियाहू विधायक डा• आरके पटेल ने कहा कि स्वभाव मनुष्य जीवन की मूल थाती है। जो मंगलकारी और विनाशकारी होता है। मनुष्य पर डिपेन्ड करता आखिर वह क्या सोचता है। जैसा सोच होगा,वैसा परिदृश्य सामने आयेगा।बात रविवार को देर शाम कुत्तुपुर मे एक धार्मिक आयोजन के समापन अवसर पर हुई। अवसर पर रामपुर प्रमुख राहुल सिंह, चन्द्र प्रकाश सिंह पप्पू,उप प्रमुख रामनगर आदि सहित अन्य लोग उपस्थित रहे। मानव का जैसा स्वभाव होता है,वह उसी के अनुरूप अपनी सभी क्रियाओं को करता है। मनुष्य अपने स्वभाव के अनुरूप ही अपना आचरण करता है। स्वभाव वंशानुगत होता है।प्रत्येक मानव स्वभाव की भिन्नता की वजह से ही प्रत्येक मानव के जीवन में अलग अलग परिणाम देखने में आते हैं।
मानव का स्वभाव बहते जल की तरह होना सर्वोच्च होता है,जैसे बहते जल के सम्मुख जो भी पत्ते,फूल, पत्थर,या जो भी आता है वह उसे बहाकर ले जाता है।
स्वभाव संस्कार,और वतावरंण के संग से भी बनता है। हमारे स्वभाव के प्रभाव से ही हम अच्छे इंसान कहलाते हैं।हम जैसे स्वभाव के लोगों का संग करते हैं,वैसा ही हमारा स्वभाव बनता है।हमारे बैठने के तरीके से भी हमारे स्वभाव को जाना जा सकता है।
घर की खुशहाली और मानव जीवन की बड़ी सफलता के लिए स्वभाव का बड़ा महत्व होता है।घर में प्यार की बुनियाद तो पूरी तरह से घर में रहने वाले सदस्यों के स्वभाव पर निर्भर करती है।
जीवन में खुशहाली के लिए स्वभाव पर काम करना, और उसकी प्रकृति को जानना भी बहुत आवश्यक है।हमारे स्वभाव की वजह से ही लोग हमसे जुड़ना चाहते हैं,संबंध बनाना चाहते हैं।हमारे जीवन की खुशहाली भी हमारे स्वभाव पर ही निर्भर करती है। जब हमारा स्वभाव अच्छा होता है तब हमारे इर्द-गिर्द के लोग भी हंसी खुशी से हमारा साथ देते हैं। हमारे जीवन में हमारे स्वभाव की अहम भूमिका होती है। इस स्वभाव की कोई शक्ल या सूरत नहीं होती। सफल जीवन के लिए इसकी आवश्यकता होती है,और अपने व्यवहार में इसको अपनाना जरूरी होता है। इस दुनिया में किसी भी व्यक्ति का स्वभाव प्राकृतिक रूप से कंप्लीट या पूर्ण नहीं कहा जा सकता, उसे देखभाल करने और आत्मसंयम करने की जरूरत होती है।
हमें इस बात को जानना भी अति आवश्यक है,की प्रत्येक मानव का स्वभाव भिन्न भिन्न होता है।इसके निर्माण के लिए विवेक की जागृति, बुद्धि की प्रगाढ़ता,का बहुत बड़ा योगदान होता है।
एक बुद्धिमान व्यक्ति अपने स्वभाव से चिंतन मनन कर दूसरों को आकर्षित करता है। उसके परिणाम स्वरूप खुश रहना,दूसरों को आकर्षित करना आदि कलाओं में वह माहिर होता है।इसके अलावा वह इस बात को भी जानता है कि किस स्वभाव के व्यक्तित्व से किस तरह का व्यवहार करना है,जिसके प्रभाव से वह अपनी छवि का निर्माण कर अपने कार्य क्षेत्र को आगे बढ़ाता है।
हमारे स्वभाव की पहचान, हमारी वाणी और प्रयोग किए गए शब्दों से प्रकट होती है।हमारा स्वभाव हमारी सुंदरता को दर्शाता है। जब हमारा स्वभाव सुंदर होता है,तब हमें अपने प्रभाव को दिखाने की जरूरत नहीं पड़ती। जब हमारा स्वभाव प्रभावी होता है तब अन्य गुण स्वत: ही अपने आप हमारे जीवन में प्रवेश करने लगते हैं।
हमारे स्वभाव का प्रभाव जितना अधिक हमारे स्वास्थ्य और दैनिक जीवन पर पड़ता है,अन्य किसी चीज का नहीं पड़ता।हमारे स्वभाव की वजह से ही हमारी सोच बनती है जिससे हम जीवन में बड़ी सफलता प्राप्त करते हैं।हमारे स्वभाव की वजह से सब लोग हमसे जुड़ना चाहते हैं और सच्चा मार्गदर्शक बनना चाहते हैं।
हमारे स्वभाव के वजह से ही हमारी सामाजिक छवि का निर्माण होता है,जो हमारे सामाजिक प्रभाव और अस्तित्व का सूचक बनती है। जिस व्यक्ति का स्वभावऔर सोच निम्न होती है,लोग उनसे दूर रहने में अपनी भलाई समझते हैं।परंतु इसके विपरीत जिसका स्वभाव मधुर होता है,वे मिलनसार और,प्रिय होते है। इनके होठों पर सदैव मुस्कुराहट भी सदैव बनी रहती है,उससे उन्हें सभी पसंद करते हैं,उनसे अपने संबंधों की निकटता बढ़ाना चाहते हैं।उनके जीवन की सफलता में अपना योगदान देना चाहते हैं।उनसे बातें करना,रिश्ते बनाना पसंद करते हैं और ऐसे व्यक्ति कुल मिलाकर अपने क्षेत्र की लोकप्रियता और सुंदर व्यक्तित्व को प्राप्त करते हैं।
जब हमारा स्वभाव मधुर होता है,तब हम अपने परिवार में प्रिय हो जाते हैं।घर के सभी बच्चे, बूढ़े, महिलाएं ,हमारे साथ बैठना, हमारे साथ अपनी सुख दुख की बातें,शेयर करने में आनंद महसूस करते हैं। इन संबंधों की प्रगाढ़ता की वजह से हमारा जीवन खुशियों से भर जाता है
हमारे स्वभाव में परिवर्तन लाने के लिए हमें अच्छे लोगों का संग करना अति आवश्यक है।जब हम अच्छे स्वभाव वाले लोगों के साथ उठते बैठते हैं, उनके प्रभाव से हमारे स्वभाव में परिवर्तन आने लगता है।इसके अलावा अच्छे सलाहकार की बातें सुनने और उसे जीवन में अमल करने से स्वभाव में अद्भुत परिवर्तन आता है।
ज्यादातर स्वभाव जन्म से ही प्रकृति द्वारा प्रदत होता है,जिसे शिक्षा और संगति से और सुंदर बनाया जा सकता है।हमारे स्वभाव की वजह से लोगों की यादों में हम आने लगते हैं। उनके हृदय में बसने लगते हैं।स्वभाव की सुंदरता से हम सभी मानव के दिलों पर राज कर पाते हैं।
जब हमारा स्वभाव और उसके महत्व को हम जानने लगते हैं,हमारे जीवन में अपने आप शांति और खुशियों की अनुभूति होती है।तब हमारे स्वभाव में शांति का प्राकृतिक निवास होता है और हम मानसिक रूप से अपने आप को स्वस्थ और ताकतवर महसूस करते हैं। हमारा मन जब शांत अवस्था में पहुंचता है तो वह स्वत: ही शांति का भी आनंद लेता है और अपार खुशियां प्राप्त करता है
हम कैसे व्यक्ति हैं,कैसा हमारा स्वभाव है, इसका निर्धारण हमारी जीवन शैली और हमारे इर्द-गिर्द के लोग दर्शाते है। हम जिस भी क्षेत्र में काम करते हैं,हमारे संबंध, हमारे व्यक्तित्व का निर्माण करते,और बताते हैं। इसके अलावा,हम कैसा जीवन जीते हैं, कैसी हमारी समझ है,और कैसा जीवन के बारे में हमारा अनुभव यह हमारा व्यक्तित्व दर्शाता है।
कुल मिलाकर स्वभाव मानव का आभूषण है जिससे मानव की सुंदरता का पता चलता है। स्वभाव से ही पता चलता है कि मानव की सोच क्या है,क्योंकि हम जैसा सोचते हैं वैसा ही करते हैं,वैसा ही बोलने लगते हैं।वैसा ही हमारा व्यवहार हमारे व्यक्तित्व में दिखाई देने लगता है।
कई बार हम सरल स्वभाव वाले व्यक्ति को कमजोर समझ बैठते हैं।किंतु प्रकृति में ऐसा देखने में आता है सरल स्वभाव वाला व्यक्ति ही सबसे मजबूतऔर प्रभावी होता है।वह किसी भी काम को करने में सक्षम होता है,बड़े फैसले लेने में,जीवन में बड़ी सफलता को प्राप्त करने में उसका स्वभाव शस्त्र बनता है।
कुल मिलाकर इंसान अच्छे स्वभाव से ही पहचान प्राप्त करता है।रिश्तो की सुंदरता भी स्वभाव के अनुसार ही मिलती है।अच्छे स्वभाव की वजह से ही रिश्ते लंबे समय तक टिके रहते हैं।अच्छे स्वभाव वाले व्यक्ति को अपना प्रभाव दिखाने की कभी जरूरत नहीं पड़ती,क्योंकि स्वभाव से एक पल में हम किसी का दिल जीत लेते हैं।हम जिंदगी भर अच्छी शक्ल सूरत तो नहीं रख पाते,समय अनुसार बदल जाती है,किंतु मानव का अच्छा स्वभाव उसे जीवन भर उसका मित्रवत साथ देता है। उसका स्वभाव,सच्चा साथी बनता है,उसे समृद्धि,सफलता,यश मान-सम्मान, दौलत सब कुछ प्राप्त करा देता है।
स्वभाव ही इंसान की कमाई हुई सबसे बड़ी दौलत है।इस स्वभाव की वजह से मानव की चर्चा उसकी अनुपस्थिति में भी होती है। जिससे उसे जीवन में सदैव हंसते मुस्कुराते रहने का मौका मिलता है।हमारी खुशी,बाहरी परिस्थितियों की दुनिया में मन के आंतरिक स्वभाव पर ही निर्भर करती है। जेडी सिंह

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