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मछलीशहर संसदीय क्षेत्र का भद्रकाली मंदिर शक्तिपीठ के रुप मे अनादिकाल से है पूज्यनीय, राजा भद्रसेन सिंह अपने गरदन को तलवार से काटते और मां को चढ़ाते,जिन्दा हो जाते,राजा विक्रमादित्य उज्जैन से आकार किये है तपस्या,वाराणसी के धौवकलगंज चौकी के दारोगा पवन यादव के आतंक से पीड़ित है मंदिर के महंथ

मछलीशहर। स्थानीय संसदीय क्षेत्र के पिण्डरा तहसील के ग्राम सरावा मे वसुही नदी किनारे मां भद्रकाली का सिद्धपीठ मंदिर है।अद्भूत अलौकिक दिव्य अनूभूति मां दरबार मे महसूस होता है। भारत देश के कोने, कोने से श्रद्धालु आते रहते है। माता रानी का दर्शन, पूजन करके अपने, अपने गंतव्य को लौट जाते है। पौराणिक महात्म्य के अनुसार राजा भद्रसेन मां के भक्त थे। उनकी पूजा विधि जो रही अचरज से कम नही है। मां भद्रकाली धाम के महंथ दिनेश सिंह गोली ने 6 अगस्त 2023 रविवार दोपहर मे बातचीत के दौरान बताया कि राजा भद्रसेन नित्य मां भद्रकाली का पूजा करते थे और अपना गरदन काटकर मां को चढ़ाते थे। माता रानी प्रसन्न होकर राजा साहब को जिन्दा कर देती और सवा मन सोना दान करती। यह रोज की बात रही। इधर राजा मां का दिया सोना राजदरबार मे दान करते। यह क्रम रोज का था। इधर उज्जैन के राजा विक्रमादित्य श्रापित हो जाते है। राज पाठ खत्म हो जाता है। दीन हीन फटेहाल राजा को विद्वान पंडितो ने बताया काशी जाकर तपस्या करिये। प्रायश्चित कट जायेगा। कहा गया कि वसुही नदी किनारे मां भद्रकाली का सिद्धपीठ मंदिर है। वहा जाकर तपस्या करिये और मां की पूजा करिये। राजा विक्रमादित्य उज्जैन से काशी आते है और राजा भद्रसेन के यहा पहुंचते है और बातचीत करके नौकरी पर लग जाते है और नित्य छिपकर राजा भद्रसेन जब मां भद्रकाली की पूजा करते तो देखते थे। यह क्रम चलता रहा। फिर मां की पूजा मे लीन हो गये। राजा विक्रमादित्य पर मां प्रसन्न हुई। वरदान मांगने को बोली। राज पाठ और उज्जैन चलने के साथ राजा भद्रसेन की पूजा न स्वीकारने की बात हुई। बात बन गयी। लेकिन जब उज्जैन जाने की बात हुई तो 24 घण्टे के लिए मां स्थान छोड़कर गयी। फिर अपने मूल स्थान पर वापस आ गयी। जिस स्थान पर मां भद्रकाली रही,उस स्थान पर राजा विक्रमादित्य ने उज्जैन मे भव्य मंदिर बनवाया है। भगवान विष्णु ब्राह्मण वेश मे साधु बनिया को इसी स्थान पर सत्यनारायण की कथा सुनाकर अछन्न हो गये। भारत देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ का पर्यटन को बढ़ावा का मन्शा पूरी तरह से साकार हो रहा है। पर्यटन विभाग उत्तर प्रदेश सरकार राज्य योजनान्तर्गत जनपद वाराणसी के तहसील पिण्डरा के ग्राम सरावा स्थित मां भद्रकाली मंदिर के सौन्दर्यीकरण एवं पर्यटन विकास हेतु स्वीकृत रुपया 382•32 लाख की योजना का शिलान्यास डा• नीलकण्ठ तिवारी तत्कालीन राज्य मंत्री स्वतंत्र (प्रभार) पर्यटन,संस्कृति,धर्मार्थ कार्य उत्तर प्रदेश के कर कमलो द्वारा दिनांक 1•1•2021 दिन शुक्रवार को मछलीशहर सासंद वी• पी सरोज और पिण्डरा विधायक डा• अवधेश सिंह के गरिमामयी उपस्थिति मे संपन्न हुआ। मां भद्रकाली का मंदिर भव्य हो गया है। सतसंग हाल, बाउन्ड्री,गेट इण्टरलाकिग से स्थान को भव्यता प्रदान हुआ है। बातचीत के दौरान मंदिर के महंथ ने बताया कि माँ के दर्शनार्थियो की दर्शन हेतु रोज सुबह शाम दोपहर भीड़ रहती है,शनिवार को अपार भीड़ होती है। सुरक्षा के दृष्टि से सीसीटीवी कैमरा लगा है। उन्होंन कहा कि शनिवार की अपार भीड़ को देखते हुए कपसेठी थाना और धौवकलगंज चौकी प्रभारी सहित वाराणसी के पुलिस उच्चाधिकारीओ को अवगत कराया गया सुरक्षा के दृष्टि से शनिवार को पुलिस फोर्स की उपलब्धता बनी रहती तो संतो,भक्तो को सुलभता से मां भद्रकाली का दर्शन हो जाता। चोर उच्चके, शरारती तत्व चेन कतरे की वजह से भक्तो को परेशानी का सामना करना पड़ता है। हरकते सीसीटीवी मे कैद होता है। पुलिस से शिकायत के वाबजूद पुलिस हरकत मे नही आती,कई बार चैनकतरो को पकड़ा गया। पुलिस मौके पर आयी और छोड़ दी। मंदिर के महंथ ने बताया पवन यादव दारोगा चौकी धौवकलगंज जब मंदिर पर किसी प्रकार की आराजकता,मारपीट,चेन चोरी की वारदात होती है तो मंदिर के मंहथ को प्रताड़ित करते है,नये चौकी प्रभारी के पहले के प्रभारी ने तो हद पार कर दिये थे। आखिर मंदिर के पुजारी को परेशान करने के पीछे दारोगा का क्या मन्शा हो सकता है। माँ भद्रकाली शक्तिपीठ के रुप मे अनादिकालि से पूज्यनीय है। दर्शन पूजन करने वाले भक्तो का मनोकामना पूर्ण करती है। जेडी सिंह संपादक

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