जौनपुर। मछलीशहर की सपा विधायक रागिनी सोनकर ने बजट सत्र के दौरान उत्तर प्रदेश विधान सभा मे आउट सोर्सिंग का मुद्दा उठाया था। जिसमे उन्होंन कहा कि ठेकेदारी प्रथा के तहत श्रमिको से बंधुआ मजदूर की तरह काम लिया जा रहा है। उनका कथन बिल्कुल सत्य है। वाराणसी के करखियाव औद्योगिक क्षेत्र मे अनेको कंपनी पहले से स्थापित है। जिसमे ठेकेदारी प्रथा के तहत हजारों श्रमिक बंधुआ मजदूर की तरह काम कर रहे है। इस बात की जनमानस मे चर्चा है। कुछ कंपनी का विचार धारा अच्छा है जो श्रमिको को सुविधा देते है और मानवता के तहत काम लेते है। कुछ कंपनी ऐसी भी है जो ईस्ट इंडिया कंपनी की मानसिकता रखते हुए विस्तारवादी नीति के तहत देश पर राज करना चाह रही है। उनका काम है। ठेकेदारी प्रथा को बढ़ावा देना। मजबूर असहाय लाचार गरीबो को शोषण करना है। उदाहरण के लिए मड़ियाहू विधान सभा के वसुही नदी के किनारे गौरीशंकर धाम से दक्षिण जमालापुर वाराणसी मार्ग से एक किलोमीटर की दूरी पर अंग्रेजो के कंपनी का अवशेष आज भी विद्यमान है। पहले अंग्रेज नील की खेती करते थे और श्रमिको को बंधुआ मजदूर बनाके रखते थे। नील तैयार करके वसुही नदी से नाव द्वारा जल मार्ग से व्यापार करते थे। जब एक ईस्ट इंडिया कंपनी भारत पर कई सौ साल राज करती है तो आज तो बहुत सी कंपनी भारत मे देशी विदेशी पैर जमा चुकी है। राजनैतिक दलो को पार्टी फंड मे मोटा चंदा मिल जायेगा। चुनाव मे भी मोटा खर्च मिलेगा आने जाने घूमने की व्यवस्था होगी। राज भोगेगे। देश के पूँजीपति सरकार बनाने और गिराने की क्षमता रखते है। राजनैतिक दलो को गरीब और गरीबी से जरुरत भर का मतलब है। बस वोट चाहिए, गरीबो को योजनाओ का लाभ मिल गया है। गरीब बस इसी मे मस्त है। आगे के भविष्य की उसे इतनी चिन्ता नही है। जितना होना चाहिए, इतिहास गवाह है सदैव से गरीबो का शोषण होता आ रहा है। बनास डेयरी अमूल प्लांट के उदघाटन का अवसर आ गया है। जो नेक कार्य है। देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश योगी आदित्य नाथ सहित तमाम लोग कार्यक्रम मे भाग लेगे। बात करते है श्रमिको के शोषण की। एक महिला विधायक रागिनी सोनकर ने मातृत्व शक्ति का परिचय देते हुए गरीब मजदूरो के शोषण का मुद्दा विधान सभा सत्र के बजट सत्र मे उठाया। आज यह मुद्दा उठाकर रागिनी लोगो मे चर्चा का विषय बनी है। निश्चित तौर पर बात विधान सभा के रिकॉर्ड मे है। भविष्य निकट सरकार आउट सोर्सिंग के मसले पर कुछ न कुछ निर्णय जरुर लेगी। बात करते है। पिण्डरा विधान सभा के करखियाव औद्योगिक क्षेत्र की।
शिफ्ट वाईज काम होता है और कंपनी मे दो शिफ्ट चलता है। बारह,बारह घण्टे का। बहुत कम कंपनी है। जो आठ, आठ घण्टे काम लेती है और अच्छी सुविधा श्रमिको को देती है। जबकि यह बात आस,पास के लोगो को सबको पता है। मजदूरो के शोषण पर चिन्ता भी है। कंपनी के अंदर कंपनी के इम्पलाइ आउट सोर्सिंग के श्रमिको से अमानवीय व्यवहार भी करते है। जैसी सूचना है। उनको इस बात का गुमान है कि हम कंपनी के इम्पलाइ है। खबर लिखने का मकसद है गरीब श्रमिको का शोषण बंद होना चाहिए, ठेकेदारी जैसी कुप्रथा सरकारी गैर सरकारी नौकरीओ मे नही होना चाहिए,रामराज चल रहा है सबको खुशहाल रखने का जतन करना चाहिए। जगदीश सिंह संपादक
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