जौनपुर। धन्जय सिंह का बसपा दाव भाजपा और सपा उम्मीदवार के माथे पर बल ला दिया है।भाजपा कृपाशंकर सिंह को उम्मीदवार बनाकर यह सीट अपने पाले मे लाने की इच्छुक है। भरसक प्रयास भी जारी है। शुरुआती माहौल मे कृपाशंकर की राजनीति मे कुछ देर के लिए चमक दमक दिखा जो आगे भी है। जब बसपा से श्रीकला धन्जय सिंह को टिकट मिला गया तो जौनपुर संसदीय क्षेत्र की जनता की एक मजबूत सहानुभूति जुड़ गयी। जमीनी हकीकत जो है धन्जय सिंह का जौनपुर मे एक मजबूत राजनैतिक धरातल है। जो अब जमीन और सोशल मीडिया मे दिखने लगा है। श्रीकला जिला पंचायत अध्यक्ष है। धन्जय सिंह पूर्व सांसद,विधायक रहे। सदैव जनता से जुड़े है। राजनैतिक जमीन भी कुछ होती है।जिसके मायने है। कही धन्जय सिंह के जेल जाने की सहानुभूति मे जौनपुर की जनता श्रीकला धन्जय सिंह को सांसद न बना दे। राजनीति मे कुछ भी नही कहा जा सकता। सपा ने बाबू सिंह कुशवाहा को मैदान मे उतारा है। जो एक सुलझे नेता है। सपा का परंपरागत मजबूत वोट है। मतो का बिखराव न हुआ तो सपा अच्छी फाइट कर सकती है।रही बात भाजपा की तो कृपाशंकर सिंह राष्ट्रीय नेता है। जिनके आलोक का प्रकाश मुबंई से दिल्ली होते जौनपुर की धरती पर पहुंची है। कर्मठी नेता है। जौनपुर के मिट्टी के लाल है। ऐसे मे चुनाव को अपने पाले मे लाने के लिए हर दाव खेलेंगे। ताकि कैरियर बना रहे। इधर धन्जय सिंह है जो राजनीति के चतुर खिलाड़ी है। फिजा है। उनके नाम पर श्रीकला सिंह चुनाव लड़ रही है। भले ही वह जेल मे है। धन्जय दाव ऐसा साध दिये है कि अन्य दलो के राजनीतिकार,रणनीतिकार सोचने पर मजबूर है। सपा और भाजपा मे उम्मीदवार को लेकर दबी जुबान पार्टी के अन्दर खाने मे विरोध के स्वर कुछ लोगो द्वारा मुखर है। जिसे इनकार नही किया जा सकता। वैसे देखा जाय तो भाजपा सपा और बसपा मे त्रिकोणीय लड़ाई है। अगर लोकल राजनैतिक मुद्दा का ईशु जनता के दिल मे घर किया तो श्रीकला धन्जय सिंह का पलडा काफी बीस पड़ सकता है। जेडी सिंह संपादक