जौनपुर। जिले के दो लोकसभा सीटो पर 25 मई को चुनाव है। जात-पात के चुनाव मे राजनैतिक दल भी जातीय गुणा,गणित के हिसाब से अपना,अपना उम्मीदवार मैदान मे उतारे है। उम्मीदवारो को लेकर दलीय दलीले है। आत्माओ को पीड़ा है। जरा सोचिए जो राजनीति मे जीवन खफा दिया हो,एक आस लिए हो,सांसद का चुनाव लड़ना है। उसे मौका नही दिया जाता है। प्रत्याशीओ को थोपा जाता है। उच्च शीर्ष नेतृत्व का निर्णय सबको सर्वमान्य है। पार्टी कार्यकर्ता नेता संगठन मिलकर चुनाव जीताते है। जब कोई सांसद बन जाता है तो वह अपनी गरिमा को भूल जाता है। कुछ लोगो के ईशारे पर नाचता है। तब एक दो नही कई लोग सांसद हो जाते है। साथ ही बिरादरी के अधिकांश लोग सांसद हो जाते है। चाहे वह जिस जात का सांसद बने। इस बीच उसी मे से कुछ लोग अत्याचार,अनाचार, पापाचार करना शुरु कर देते है। यह सब आर्थिक साम्राज्य बनाने के लिए होता है। झेलता कौन है जनता। शोषण किसका होता है जनता का। जब कोई सांसद बन जाता है तो पार्टी कार्यकर्ता दरकिनार कर दिया जाता है। किसी काम के लिए जाता है तो उसे महीनो दौड़ाया जाता है। लिखा,पढ़ी मे लेटर पैड पर नौकरी दी जाती है। यहा तक नियुक्ति का लेटर दे दिया जाता है। कई महीने उसे दौड़ाया जाता है। वस्तुत युवा हताश और निराश होकर बैठ जाता है। मतदान के समय जब सब बिरादरी का वोट चाहिए तो सांसद बनने के बाद बिरादरी बाद को ही बढ़ावा क्यो दिया जाता। तब सबका साथ सबका विकास और सबका विश्वास का नारा लोग भूल क्यों जाते है। खास बात है कि बिरादरीबाद के दौर मे कुछ मठाधीश नेता हर बिरादरी मे होते है। जो अपना प्रभुत्व चमकाने मे लगे रहते है। कोई बिरादरी का नेता अगर दूसरा बनना चाहता है तो अगर जान गये होशियार है आगे निकल सकता है तो उसे परेशान करना शुरु कर देगे। जबसे रास्ते से हटा नही देगे। मानेंगे नही। मछलीशहर लोकसभा सीट पर जो लड़ाई का आसार बन रहा है। सपा का वोटर सपा के पास है। बसपा का वोटर बसपा के पास है। भाजपा वोटो का ध्रुवीकरण सपा और बसपा की ओर तेजी से बढ़ रहा है। भाजपा उम्मीदवार भोलानाथ सरोज के प्रति जनता मे नाराजगी जबरदस्त है। हालांकि उनके समर्थको की भी कमी नही है। भाजपा पार्टी के उम्मीदवार है। यह सबसे बड़ी मजबूती है। लोगो को लग रहा है कि फिर अगर सांसद दोबारा बन जायेगे तो जनता को पीड़ा मिल सकता है। एक बात यह भी है केराकत, पिण्डरा,मड़ियाहू, मछलीशहर आदि विधान सभा क्षेत्र के लोगो को सांसद से मिलने लंबी दूरी तय करना पड़ता है। टोल टैक्स भी ज्यादा लगता है। ऐसी वैसी तमाम बाते राजनैतिक दौर मे जनता के बीच चल रही है। भाजपा के कुछ वोटर पशोपेश मे है। जाय तो जाय किधर, कुछ लोग कह रहे नोटा दबा देगे तो कुछ कह रहे वोट ही नही देने जायेगे। कुछ का झुकाव अन्य दलो की ओर है। कुछ मतदाता कह रहे है। अपना प्रत्याशी कमल का फूल। अधिकांश मतदाता अन्त मे मोदी योगी और राष्ट्र के नाम पर वोट देने की बात कह रहे है। मछलीशहर लोकसभा सीट पर भाजपा के वोटरो का सपा और बसपा की ओर ध्रुवीकरण का रुख वर्तमान समय मे लग रहा है। जौनपुर लोकसभा सीट पर भाजपा मजबूत है। राजनीति मे एक शब्द होता है भितरघात, जो घातक होता है। जौनपुर की राजनीति मे बहुत ही उठा पटक है। तूफान है। भूचाल है। सुनामी है। हुदहुद है। हमदर्दी है। बेदर्दी है। जिधर लहर चल जाय। सपा, बसपा,भाजपा। राजनीति मे कब क्या खेला होगा,कुछ कहा नही जा सकता है। दोनो सीटो पर चाहे जो भी जीते अभी से अग्रिम बधाई,सांसद की एक गरिमा होती है। उसका सोच आदर्शवादी होता है। वह मानवता का पुजारी होता है। वह तत्वदर्शी होता है। उसके अन्दर बदले की भावना नही होती। क्योंकि वह भारत देश के सर्वोच्च पंचायत का जनता द्वारा चुना सदस्य होता है। जनता भी यह चाहती है जो भी हमारा सांसद हो अच्छा हो। लेकिन आज की राजनीति मे अपराधी और भ्रष्टाचारी हाबी है। वही पूजवा रहे है। उन्ही की जय है। सर्वत्र पूजा है और बिरादरीओ के लंबरदार बने है और हर जगह अपना दोना पहले लगा रहे है। कुछ नैतिकता करके ढिंढोरा पीट रहे है। बाकी अनैतिकता की कोई सीमा नही। जगदीश सिंह संपादक