जौनपुर। पूर्वाचल की राजनीति मे भाजपा से लोगो मे नाराजगी है। वजह चाहे जो हो वह तो उच्च शीर्ष नेतृत्व जान सकता है। लोकसभा टिकट बंटवारे को भी लेकर असंतोष है। अमितशाह और योगी का राजनैतिक रार भी जग जाहिर है। जनमानस मे चर्चा है कि अमितशाह ने जिसको चाहा टिकट दिया। जिसको चाहा काट दिया। यूपी मे अस्सी सीट है। सब जीत गये तो शाह जी की बल्ले बल्ले है। अगर अधिकांश सीट हारते है तो यूपी के मुख्यमंत्री योगी बाबा से सवाल हो सकता है।आखिर ऐसा कैसे हुआ। जब शीर्ष नेतृत्व ही सब कुछ है तो किसी का क्या मतलब है। करोड़ो कार्यकर्ता है। बहुत से ऐसे भाजपा नेताओ और कार्यकर्ताओ को दर किनार कर दिया जा रहा है। जिसने भाजपा के लिए जीवन खफा दिया। उसका कोई मतलब नही। दूसरे दल से चाहे जो आ रहा है। उसको टिकट मिल रहा है। लोकसभा चुनाव लड़ाया जा रहा है। मंत्री बनाया जा रहा है। ऐसे लाखो कार्यकर्ता है। जिन्होंन अपने खून और पसीने से भाजपा को सीचा है। आज अकेले अमितशाह के ही दम पर भाजपा बरगद का पेड नही बना है। अटल और आडवाणी,राजनाथ सिंह,मुरली मनोहर जोशी,कल्याण सिंह,कलराज मिश्र सहित ऐसे तमाम भाजपा नेता और कार्यकर्ता ने भाजपा को खड़ा करने मे अहम भूमिका निभायी है। इतना जरुर है अमितशाह की वजह से भाजपा मजबूत हुई है। सबसे बड़ा योगदान भारत देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का है। जो महान आत्मा है। देश मे मोदी नाम की गूंज है। आज यूपी के पूर्वाचल मे मोदी और योगी के नाम पर मतदाता तमाम थोपे गये प्रत्याशीओ को मतदान करने के लिए मजबूर है। आत्मा गवाही नही कर रही है। बाबजूद लोग मतदान करने के लिए आतुर है। दरअसल पूर्वाचल के लोगो मे आम तौर पर चर्चा है। अमितशाह पूरे देश मे अपनी राजनैतिक लाबी खड़ा कर रहे है। अपने हिसाब से लोकसभा टिकट दिये है। जिससे जो सांसद चुनाव जीत के जाय तो उनका खास हो और उनके मुताबिक काम करे और प्रधानमंत्री बनने मे मददगार साबित हो। पूर्वाचल का वाराणसी करखियाव औद्योगिक क्षेत्र है। गुजरात की तमाम कंपनी है। दूध की एक बड़ी कंपनी खुली है। जो गुजरात की है। वाराणसी और जौनपुर जिले के अलावा पूर्वाचल के अन्य जिलो के लोगो की चाह रही। दूध कंपनी मे स्थानीय लोगो को काम मिले। लोगो ने प्रयास किया। लेकिन काम नही मिला। बात चर्चा मे आयी कि गुजरात के लोग ही सिर्फ काम करेगे। जब यह बात आम जनमानस मे विदित हुआ तो भाजपा के प्रति लोगो मे नाराजगी बढ़ी। ठेकेदारी प्रथा गुजरात मे है। यूपी मे न के बराबर था। टेन्डर बड़े बड़े गुजरात के अमीरो को प्राइवेट और सरकारी कामो मे दे दिया गया। अब वह अपने तरीके से काम ले रहे है। वेतन कम दे रहे है। श्रमिको का शोषण कर रहे है। जैसा की लोग चर्चा कर रहे है। आवाज उठाये तो कौन। अगर कोई आवाज उठाने की कोशिश करेगा तो उसका हस्र क्या होगा कुछ कहा नही जा सकता। चुनावी बहार है। चर्चाओ का बाजार गर्म है। महगाई और बेरोजगारी ने पूर्वाचल के लोगो के सामने जटिल समस्या उत्पन्न कर दिया है। पूर्वाचल के जिलो,गांवो मे चर्चा है। भारत देश के गृहमंत्री अमितशाह आने वाले दिनो मे प्रधानमंत्री बन सकते है। ऐसी लोगो मे चर्चा है। जगदीश सिंह संपादक
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