जौनपुर। अपराध मुक्त जौनपुर बने,शान्ति और सुकून से आम जनमानस का जीवन खुशहाली से व्यतीत होता रहे। अपराध पर पूरी तरह से अंकुश लगे।अपराधीओ का मनोबल तोड़ दिया जाय। खास करके युवाओ मे बढ़ती गैग प्रवृत्ति को रोका जाय। कुछ ऐसा ही नेक मन्शा वाला विचार पुलिस अधीक्षक जौनपुर डा• कौस्तुभ ने अभी हाल ही के दिनो मे जिले के पत्रकारो के समझ प्रस्तुत किये है। सुधारात्मकता की बात उन्होंन कही। अनभिज्ञ से भिज्ञ बनने पर जोर दिया है। मानव जीवन शान्ति का जीवन है।जिसमे दया,करुणा,प्रेम,भाईचारा का भाव है। मानव कल्याण के लिए वीरता, धीरता, और गंभीरता की जरुरत है। वर्तमान समय मे सबसे बेहतर सेवा पुलिस की है। बाबजूद व्यापक सुधार की जरुरत है। आज के तीस से पैत्तीस साल पहले की जो पुलिस की व्यवस्था रही। उसमे ईमानदारी था। न्याय की बात होती। शहर का चौराहा,तिराहा हो या गांव, हल्का सिपाही मुस्तैदी से नजर रखते। अगर कोई युवा भटका नजर आता तो उसे समझाते,न मानता तो घर जाते उसके गार्जियन से कहते। जबसे धन कमाने का पिपासा पुलिस मे बढ़ा,वह अपने कर्तव्य पथ से थोड़ी-बहुत हट चुकी है। अगर बहुत तबियत से छानबीन करके खबर लिखा जाय तो ग्रामीण क्षेत्र मे पुलिस की ज्यादती पाई जा सकती। आज बहुत से ऐसे लोग है। उनके साथ ज्यादती होती है। लेकिन वह बोल नही पाते। अन्दर, अन्दर कुढ रहे है जिसका अधिकांश शिकार गरीब होता है। पहले गलत सही का मूल्यांकन होता था। जो गलत होता था उसे बोध कराया जाता था। पहले का मानव सुधारवादी दृष्टिकोण रखता था। आज के अधिकांश मानव मे स्वार्थ छिपा है। फायदे के लिए लोग तेजी से कायदा बिगाड रहे। अपराध और अपराधियो से भारत देश तभी मुक्त होगा जब अपराधी सासंद, विधायक नही बन सकेंगे। युवा राष्ट्र की धरोहर है। युवा शक्ति, राष्ट्र शक्ति। सभी युवा भटके नही है। युवा देश व मानव हित मे काम कर रहे है। कुछ युवा भटके है उनको भटकाया जा रहा है। गांवो मे एक प्रवृत्ति इस समय बनी है युवा बर्बाद कैसे हो। धनबल और बाहुबल की ताकत रखने वाले लोग अपनी,अपनी हुकुमत चला रहे है। युवाओ को शराब पिलाने का लती बनाया जा रहा है। अपराधी बनाया जा रहा है। नाना प्रकार के दुरुगुण संपन्न करके छोड़ दिया जा रहा है। हर अपराधी नेताओ का विस्तार है। युवाओ मे पकड़ बनाने की चाहत है। भवकाल टाइट कैसे होगा। आज के बहुत से युवा है मेहनत नही करना चाहते है। उनकी भी मन्शा होती है। गाडियो का काफिला हो,जलवा हो,भवकाल टाइट रहे। उनके आदर्श उनके माता,पिता नही,जिन्होंन जन्म दिया,उन्हे पाला पोसा बड़ा किया। उनके आदर्श बड़े, बड़े अपराधी नेता है। बहुतो युवा ऐसे है जो अपराधी नेता के साथ फोटो खिंचवाने,सेल्फी लेने और सोशल मीडिया मे वायरल करने मे अपना बडप्पन समझते है। अपराध और अपराधी तभी कमजोर होगा। जब हर व्यक्ति किसी भी प्रकार का अपराध न करने का संकल्प लेगा,सबसे बड़ा अपराध, अपराध के लिए उकसाना और अपराधीओ को संरक्षण देना है। इससे हर किसी को बचना चाहिए। झूठ बोलना भी अपराध है। आज लोगो को झूठ बोलने मे महारत हासिल है। सच बोलना, लिखना सबसे बड़ा खतरा है। जान को जोखिम है। खैर ईश्वर मालिक है।हर मनुष्य सच बोलने का आदी बन जाय तो काफी हद तक अपराध मे कमी आ सकती है। जगदीश सिंह,जेडी संपादक सतगुरु धाम बर्राह जौनपुर