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ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन ने उत्तर प्रदेश के सभी जिलों मे सात सूत्रीय मांगों का ज्ञापन प्रशासन को सौंपा, मुख्यमंत्री से कुछ दरकार, पत्रकार और पत्रकारिकता के वजूद को बचाए रखने के लिए कुछ तो सोचना होगा,समय की मांग

मृत ग्रामीण पत्रकार के परिजनों को 5 लाख की सहायता प्रदान हो: संजय अस्थाना
जौनपुर। ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र नाथ सिंह के आह्वान पर पूरे प्रदेश में एक साथ सभी जिला मुख्यालयों पर जिलाधिकारी को एक साथ प्रात: 11 बजे ज्ञापन दिया जाना था। इसी क्रम में जौनपुर में भी जिलाध्यक्ष संजय अस्थाना के नेतृत्व में 7 सूत्रीय मांग पत्र जिलाधिकारी के प्रतिनिधि अधिकारी को सौंपा गया। एसोसिएशन से सम्बद्ध पत्रकार प्रदेश के सुदूर अंचलों में आम जनमानस की समस्याओं को उठाने, शासन-प्रशासन तक पहुंचाने तथा शासन की विकासोन्मुख प्राथमिकताओं को अपने समाचार पत्र के माध्यम से ग्रामीणों तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं तथा कठिन परिस्थितियों में भी ग्रामीण पत्रकारिता को लोकतंत्र की सशक्त धारा को बनाये रखने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।
जिलाधिकारी के प्रतिनिधि के रूप में मौजूद प्रशासनिक अधिकारी को 7 सूत्रीय ज्ञापन सौंपते हुये जिलाध्यक्ष संजय अस्थाना ने कहा कि एसोसिएशन के लिये राज्य मुख्यालय लखनऊ में शासन की ओर से अन्य संगठनों की भांति कार्यालय हेतु भवन का आवंटन दारुलसफा या ओसीआर में किया जाय जिससे सुदूर जनपदों से आने वाले पत्रकारों को रुकने तथा प्रदेश स्तरीय बैठक करने की समस्या का निदान हो सके। मान्यता-प्राप्त पत्रकारों की तरह ही ग्रामीण पत्रकारों को भी आयुष्मान भारत योजना का लाभ दिया जाय, ताकि वह और उनका परिवार मुफ्त कैशलेश इलाज करा सके।
श्री अस्थाना ने आगे कहा कि ग्रामीण पत्रकारों को शासन स्तर से बीमा योजना में शामिल किया जाय। साथ ही लम्बे समय से आंचलिक पत्रकारिता कर रहे 60 वर्षीय ग्रामीण पत्रकारों को पेंशन योजना का लाभ दिया जाय। इनकी सूची भी जिला सूचना कार्यालय के माध्यम से तैयार की जाय। ग्रामीण पत्रकारों के विरुद्ध कोई भी प्राथमिकी दर्ज करने से पूर्व जिला पुलिस के किसी राजपत्रित अधिकारी द्वारा अनिवार्य रूप से जांच की जाय, ताकि पत्रकारों का अनावश्यक उत्पीड़न रोका जा सके। राज्य एवं जिला स्तर पर स्थायी समिति की भांति तहसील स्तर पर भी प्रशासनिक अफसरों के साथ ग्रामीण पत्रकारों की नियमित बैठकें करायी जायं। शासन के निर्देशानुसार एसोसिएशन के सभी सम्बन्धित तहसील अध्यक्षों को इसमें अनिवार्य रूप से शामिल किया जाय।
जिलाध्यक्ष ने कहा कि प्राकृतिक आपदा या दुर्घटना में मृत ग्रामीण पत्रकार के परिजनों को किसान बीमा योजना की तरह तत्काल 5 लाख रुपये की सहायता प्रदान की जाय। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री राहत कोष से 20 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाय, ताकि शोकग्रस्त परिवार को संकट की घड़ी में सहारा मिल सके। इसकी सूची भी जिला सूचना कार्यालय से तैयार की जाय। ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध वसूली करने वाले फर्जी पत्रकारों की शिनाख्त कर उनके विरुद्ध कार्यवाही की जाय। इसके लिये जिला स्तर पर स्थायी समिति की बैठक बुलाकर असली और फर्जी पत्रकारों की पहचान की जाय तथा चिन्हित व्यक्तियों को नोटिस देकर तत्काल प्रभावी कार्यवाही की जाय।
इस अवसर पर प्रदीप पाण्डेय, दयाशंकर निगम, श्याम रतन श्रीवास्तव, गुलाब चन्द्र पाण्डेय, प्रमोद जायसवाल, राजकुमार सिंह, शशिराज सिन्हा, राजेश श्रीवास्तव, अजीत सिंह, रामजी जायसवाल, लक्ष्मी नारायण मौर्या, आशा राम यादव, प्रशान्त विक्रम सिंह, आबिश इमाम, शाकिर, देवेन्द्र खरे, मेवा लाल यादव, रोहित चौबे, गोरख सोनकर, जितेन्द्र दुबे, बृजराज चौरसिया, जय सिंह, अर्चना मिश्रा, मो. आरिफ, राम प्रताप सिंह, कमलेश कुमार, रमाशंकर शुक्ल, अभिषेक सिंह, इकराम अंसारी, वेद प्रकाश विश्वकर्मा, बुद्धि प्रकाश तिवारी, संजय शुक्ला, सतीश पाठक, राम प्रवेश यादव, चंद्रसेन विश्वकर्मा, सत्येंद्र मिश्रा, पंकज तिवारी, विशाल सोनकर, संजय चौरसिया, भोला विश्वकर्मा, जुबेर अहमद, जय प्रकाश मिश्रा, असलम खां सहित तमाम पत्रकार उपस्थित रहे। जेडी सिंह

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