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पत्रकारिता खतरे में, विश्वास मर रहा,जौनपुर पत्रकार संघ की नई पहल,फेंक न्यूज वेरीफिकेशन विषयक कार्यशाला का आयोजन

इंटरनेट के विस्तार से फेक न्यूज़ की समस्या: डॉ मुकुल

खबरों की प्रमाणिकता खतरे में : डॉ राकेश

पत्रकार संघ ने फेक न्यूज़ पर कार्यशाला की

जौनपुर। जौनपुर पत्रकार संघ ने  एक नई पहल जनपद के पत्रकारों के लिए किया। फेक न्यूज़ पर एक कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला का उद्देश्य फेक न्यूज़ से समाज में बढ़ रही अफवाहों रोकना और फेक फोटों और न्यूज़ की सत्यता की परख कैसे करना है यह पत्रकारों को बताना था। ‘फेक न्यूज़ वेरीफिकेशन’ विषयक आयोजित यह कार्यशाला पत्रकार भवन में हुई।

कार्यशाला में मुख्य अतिथि लखनऊ विश्वविद्यालय के पत्रकारिता जनसंचार विभाग की विभागाध्यक्ष एवं गूगल की तरफ से अधिकृत गूगल फैक्ट चेकर डॉ. मुकुल श्रीवास्तव थे। इस कार्यक्रम में अध्यक्षता काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी में भारत अध्ययन केंद्र के चेयर प्रोफेसर डॉ राकेश उपाध्याय ने की।

इस अवसर पर डॉ मुकुल श्रीवास्तव ने कहा कि इंटरनेट के विस्तार ने भारत में फेक न्यूज जैसी कई समस्या को बढ़ा दिया है ।फेक न्यूज से निपटने का कोई सटीक समाधान नहीं है। गूगल रिवर्स इमेज सर्च का प्रयोग करके काफी हद तक फोटो की विश्वनीयता जांची जा सकती है। उन्होंने प्रतिभागियों को फोटो और वीडियो की जांच कैसे की जाए इसके तरीके को प्रोजेक्टर स्क्रीन के जरिए सिखाया ।

उन्होंने कहा कि आज पत्रकारिता जगत फेंक न्यूज़ से नहीं बचा है। गूगल पर आप सावधानीपूर्वक अगर सत्यता की जांच करें तो फेक न्यूज़ की सत्यता सामने आ सकती है। कुछ ऐसी तस्वीरें होती है जो गूगल के डाटा बेस में कहीं भी नहीं होती है पर हमारे सोशल मीडिया पर प्रचारित रहती हैं । उनको फोटोशॉप से भृमित करके बनाया जाता है। उनको कैसे परीक्षित किया जाए इस पर उन्होंने विस्तार से चर्चा की।

इस अवसर पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय के भारत अध्ययन केंद्र के चेयर प्रोफेसर डॉ राकेश उपाध्याय ने कहा आज इंटरनेट के युग मे खबरों की प्रमाणिकता खतरे में है। इंटरनेट से जो संस्कृति हम भारत में लेकर सनातन काल से लेकर आए हैं उस से भ्रमित करने का प्रयास भी किया गया।
उन्होंने गांधीजी के एक उदाहरण को उल्टा करते हुए कहा कि अब की पत्रकारिता अब बुरा दिखाओ बुरा सुनाओ अब बुरा बताओ की पद्धति चल रही है।इस से बचने की जरूरत है। समाज की भी एक सीमा है। इंटरनेट पर आने वाली खबरों में फेक न्यूज़ के चलते अब विश्वास मर गया है।
उन्होंने कहा कि मानवीयता के परिपेक्ष में जीवन में मूल्य भटक गए हैं। दिशा भ्रमित हो गई है। भविष्य में विश्व का मार्ग क्या है यह कोई बता नहीं सकता। आज की व्यवसायिक दुनिया ने समाज को घातक बना दिया है। व्यवसाय से विश्व का मार्गदर्शन नहीं हो सकता। सत्य व्यवसाय हो नहीं सकता। उन्होंने कहा की राजनीतिक में लोक कल्याण की बात को अब नहीं माना जाता हम अपना कल्याण ही राजनीति का विषय वस्तु बना चुके है।

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ मनोज मिश्र ने कहा कि मीडिया में प्रकाशित खबरें विज्ञान विधि पर आधारित होती है ।उन्होंने कहा कि जिसमे जिज्ञासा,जानकारी इकट्ठा करना,विश्लेषण-सत्यापन के बाद खबरों का प्रकाशन होता है। फेक न्यूज में इस सिद्धांत का कोई पालन नही होता।इसलिए ऐसी खबरें हमें शर्मसार करती हैं।

कार्यशाला के प्रारंभ में पत्रकार संघ के अध्यक्ष शशिमोहन सिंह ने आगन्तुक अतिथियों का स्वागत कर कार्यशाला के आयोजन के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। संचालन महामंत्री डॉ मधुकर तिवारी ने किया।

इस अवसर पर राजेंद्र सिंह लोलारक दुबे सतीश सिंह डॉ मनोज वत्स रामदयाल दिवेदी वीरेंद्र सिंह मनोज उपाध्याय दीपक मिश्रा डीसीएफ चेयरमैन धनंजय सिंह पूर्व सभासद विनय सिंह शिक्षक नेता अरविंद शुक्ला शिवेंद्र सिंह रानू के.के. तिवारीविकेश उपाध्याय पत्रकार भारतेंदु मिश्रा मार्कण्डेय मिश्रा दीपक उपाध्याय गजाधर रॉय , राधारमण तिवारी, जयंत सिंह राजेश मौर्य महर्षि सेठ आदित्य भारद्वाज, प्रकाश चन्द्र शुक्ल, रमाशंकर यादव आशीष पांडेय, सहित अन्य पत्रकार मौजूद थे। जेडी सिंह 

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