सतगुरु ही कृपा के समुद्र होते हैं बोले स्वामी श्री अड़गड़ानंद जी महाराज
प्रयागराज परमहंस आश्रम श्रृंगवेरपुर मैं शुक्रवार को सत्संग के दौरान परम पूज्य स्वामी श्री अड़गड़ानंद जी महाराज बताये कि भज मन राम चरन सुखदाई का आध्यत्मिक ब्याख्या करते हुए बताये की भगवान के भजन से ही उद्धार होता है गणिका हो अजामिल हो कोल किरात जितने थे सबका उद्धार भगवान के चरणों की कृपा से ही हुुआ, भगवान की विभूति से ओतप्रोत जो महापुरुष हैं जिन्होंने भजन करके अपने बिकारो पर विजय प्राप्त किये ऐसे सद्गुरु ही कृपा के समुद्र होते हैं उनके निर्देशन पर चलने वाला साधक ही संसार से पार पाता है धीरे धीरे कई जन्मों के अंतराल में वहीँ पहुच जाता है जिसका नाम परमधाम है परमपद है उसके लिए गीतोक्त साधना को समझना होगा यथार्थगीता का अध्ययन करना होगा यथार्थगीता घर घर होनी चाहिए तभी जागरूकता आएगी पूज्य स्वामी जी के साथ साथ श्री भावानन्द महाराज आशीष महाराज तानसेन महाराज सन्तोष महाराज लाले महाराज शोहम महाराज ब्रम्हांन्द महाराज इत्यादि सन्त स्वामी जी के सत्संग के दौरान उपस्थित रहे श्रृंगवेरपुर आश्रम की श्री बृ बिहारी महाराज के देखरेख में भक्तों में प्रसाद वितरण किया गया। जेडी सिंह