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योगी आदित्य नाथ को न्याय पथ पर चलने की दरकार, सत्ता नसीन के लिये अहंकार नहीं परमार्थ जरुरी, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री सबके किसी दल विशेष के नहीं

तमाम महान विभूतियों का होगा संगम योगी महाराज लेगें मुख्यमंत्री पद की शपथ

जौनपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रुप में योगी आदित्य नाथ 25 मार्च को दूसरी बार मुख्यमंत्री पद का शपथ लेंगे। आज उन्हें भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया। तमाम महान विभूतियों के संगम के बीच ताजपोशी होगी।नई सरकार, नया जोश के साथ उत्तर प्रदेश की उत्तमता आगे बढ़ेगी। योगी बाबा के पिछले कार्यकाल का अनुभव इस कार्यकाल में प्रदेश के विकास में काफी मददगार साबित होगा,भय और भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश पूर्ण रुप से होगा और राजनैतिक आराजकता खत्म होगी ऐसी संभावना है। पिछली सरकार का काम काज ऐसा रहा कि दोबारा यूपी की जनता ने एहसान जताया और सत्ता में वापसी हुई। सरकार बन जाने के बाद योगी आदित्य नाथ मुख्यमंत्री के रुप में काम काज संभालेंगे और जनता के हित मे काम प्रारंभ कर देंगे। आज देखा जाय तो देश दुनिया में मोदी और योगी के नाम की चर्चा है। उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव में यहीं दो नाम की महिमा से मतदाता आकर्षित हुए और मतदान किये। न्याय पथ पर चलकर ही मुख्यमंत्री के रुप मे योगी महाराज भगवत तत्व को जगा पायेंगे और आम जनमानस के कल्याण का संकल्प पूरा हो सकेगा। एक तरफ देखा जाय तो सत्य की बुनियाद बहुत मजबूत हैं पर असत्य के बल पर उसे कमजोर करने की कोशिश जारी है। न्याय की जीत है लेकिन अन्याय हराना चाहता है।अच्छाई की खुशबू है तो बुराई का दुर्गन्ध है। सत्ता नसीन के लिए अंहकार नहीं परमार्थ जरुरी है। सरकार सबकी है और सबके लिये काम करतीं है। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री सबके होते है किसी दल विशेष के नहीं। कल्याणकारी, मंगलकारी,हितकारी सोच से ही मानव समाज आत्मिक विकास करके परमसत्ता के सुख का अनुभव कर सकता है। जेडी सिंह संपादक सतगुरु दर्पण जौनपुर

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