जौनपुर। नेवढिया पुलिस के उप निरीक्षक धर्मेन्द्र प्रताप सिंह अचानक सुर्खियों में आ गये। सोशल मीडिया में वायरल उत्कोच मांगने के आडियो ने उनकी नींद को हराम कर दिया है। जिधर जा रहें है उधर उत्कोच शब्द पर बहस लोग कर रहे है और अपने अपने तर्क दे रहे है। आडियो की लोग बात सुन रहे है और दोनों तरफ की बातों का मूल्यांकन कर रहे है सही क्या है गलत क्या है इस पर भी चर्चा हो रहीं वायरल उत्कोच से धर्मेन्द्र प्रताप सिंह की मुसीबत बढ़ गयी है। पुलिस अधीक्षक जौनपुर ने निलंबन की कार्यवाही सुनिश्चित करते हुए मीडिया सेल को अवगत करा दिया है। आज के दौर में सोशल मीडिया की पकड़ हर जेब और हाथ में है। जो इस समय की उसकी प्रकृति है उसे समझ पाना बेहद कठिन है। नीयत खराब है तो खराब होगा अच्छा होगा तो अच्छा होगा। वायरल उत्कोच आडियो कब का है,दोनों की बातों का तस्दीक वायस विशेषज्ञ द्वारा आवाज दोनों का है या और किसी की। यदि दोनों की आवाज है तो वह कौन कौन है और क्यों ऐसी बात कर रहे है मामला क्या है किससे संबंधित है। वीडियो से बात होता तो स्पष्टता रहतीं है। आडियो की जांच होनी चाहिए। आज के समाज में वायरल आडियो वीडियो का डर सबको सता रहा है। ऐसी स्थिति रहीं तो कोई किसी से बात नहीं करेगा। यह देश के लिए गंभीर बीमारी हो सकती है। किसी की बात को रिकार्ड करना और एक बखेडा बनाना उसकी जान को सासत में लाना आखिर ऐसा क्यों। किसने पुलिस की छबि को खराब करने के लिए यह आडियो वायरल किया। उसकी मंशा क्या है उसके पीछे कौन, कौन लोग है। आडियो जांच में यह पुष्ट होना चाहिए कि बात करने वाले लोगो में एक पुलिस है तो दूसरा कौन है। उसकी पीड़ा क्या है। उत्कोच पुलिस द्वारा मांगा गया पुष्ट हुआ तो उस पर कार्यवाही नहीं तो फरेब रचने वालों पर पुलिस की नजर जा सकती है। जेडी सिंह संपादक सतगुरु दर्पण जौनपुर
Home / सुर्खियां / वायरल उत्कोच ने सोशल मीडिया पर मचाया हल्ला ,दारोगा सस्पेंड,फरेब रचने वाले पर पुलिस की नजर जा सकती है बात सच्चाई पर है