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जौनपुर जिले के नोनारी ग्राम सभा के पिन्टू और सिन्टू का नेक कार्य, आगामी 26 नवम्बर को कम्बल वितरण एवं सम्मान समारोह का आयोजन, क्षत्रिय कूलभूषण बृजभूषण शरण सिंह सासंद होगे मुख्य अतिथ

जौनपुर। पूर्वाचल प्रसार परिषद द्वारा विशाल कम्बल वितरण एवं सम्मान समारोह का आयोजन आगामी 26 नवम्बर 2022 को रामपुर विकास खण्ड के नोनारी ग्राम सभा के जमालापुर, बाबतपुर मार्ग स्थित हनुमान मंदिर के पास किया गया है। सुबह दस बजे से कार्यक्रम प्रारंभ होगा। यह जानकारी नोनारी ग्राम सभा के प्रधान धीरेन्द्र सिंह सिन्टू ने दी है। जितेन्द्र सिंह पिन्टू पूर्वाचल प्रसार परिषद के अध्यक्ष के आयोजकत्तव मे समारोह आयोजित है। मुख्य अतिथि बृजभूषण शरण सिंह सासंद होगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुरलीपाल प्रान्त कार्यवाहक काशी प्रान्त करेगे। कम्बल वितरण एवं सम्मान समारोह मे मुख्य रूप से मछलीशहर सासंद भोलानाथ सरोज,बृजेश सिंह प्रिन्सू, विधान परिषद सदस्य,डा• आरके पटेल, विधायक मड़ियाहू, ओम प्रकाश सिंह भाजपा प्रवक्ता उत्तर प्रदेश सहित बहुत सी जानी मानी हस्तियां जुट रही है। सेवा परमो धर्म: मानव सेवा सबसे बड़ा धर्म है। नर सेवा नारायण सेवा की भावना को लेकर नोनारी के पिन्टू और सिन्टू नेक कार्य को आगे आये है। राष्ट्र सेवा हो या माता-पिता संग मानव जाति और जीव-जंतुओं की सेवा हो सभी में धर्म की प्राप्ति के साथ-साथ लोगों को आत्म संतुष्टि के बीच जीवन भी सफल होता है। राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक का दायित्व है किसी न किसी रूप में अपनी मातृभूमि, जन्मभूमि एवं कर्मभूमि की सेवा करनी चाहिए, बाल्य काल से ही बच्चों के अंदर सेवा की भावना पैदा करना चाहिए।
इतिहास के पन्नों पर नजर डालें तो सेवा भाव के बदौलत कई महापुरुषों का नाम अंकित हो चुका है। किसी ने राष्ट्र की सेवा कर अपना परचम लहराया, तो किसी ने मानव जाति तो कोई पशु-पक्षियों से प्रेम और सेवा कर अपना नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज कराया। आज के नौनिहालों एवं किशोर युवाओं को उन महापुरूषों के आदर्श को अपना कर सेवा भाव से जुड़ने की आवश्यकता है और इससे स्वयं के साथ-साथ परिवार, समाज एवं राष्ट्र का भी सर्वांगीण विकास निश्चित है। बच्चों के अंदर परोपकार की भावना उत्पन्न होना चाहिए। इससे आपसी प्रेम और भाईचारा मजबूत होता है और समाज के विभाजित व बंटवारे की आशंका कम हो जाती है। आज भी जिन बच्चों के अंदर सेवा का भाव अंकुरित है, उनका संस्कार ही कुछ अलग झलकता है। जो प्रमाणित करता है कि सेवा और संस्कार में अन्योन्याश्रय संबंध है। इससे अपनी परम्पराओं और धरोहरों को भी संरक्षित रखने का भाव जगता है। जेडी सिंह

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