जौनपुर। रामनगर विकास खण्ड मे एक प्रचलन ऐसा है जिसमे कुछ लोग सक्रिय है। जो कुछ ग्राम सभाओ को दस से बीस लाख मे खरीद लेते है और विकास का कार्य अपने तरीके से करते है। ग्रामीणो की शिकवा,शिकायत को भी मेनेज करते है। इसके बाद मनरेगा का कागजी घोड़ा तेजी से दौड़कर विकास की लम्बी दूरी तय करता है और लाखों-करोडो का व्यारा, न्यारा हो जाता है। खास बात है कि ये लोग धनबल,बाहुबल और सत्ताबल के जोर पर ऐसा कर रहे है। 99 ग्राम सभाओ वाले ब्लाक मुख्यालय परिसर का माहौल बहुत ही सोचनीय, विचारणीय है। मनरेगा से एक तरफ जहा अच्छा खासा विकास हो रहा है वही कागजी विकास से कुछ लोग मालामाल हो रहे है और अमीरीयत की श्रेणी मे आ गये है। गरीबीयत के हक पर डाका डालकर अमीरीयत की संख्या बढ़ी है, मनरेगा योजना कुछ लोगो के इर्द-गिर्द घूम रही है। ग्राम सभाओ को खरीद कर विकास करने वाले स्थानीय आम समाज मे प्रचलित है। यह खबर हवा मे तैर रही है और लोगो के जुबान से चर्चा मे है। जेडी सिंह