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स्थानीय निकाय चुनाव मड़ियाहू: बात चुनाव जीतने की है तो आसान नही है रुकसाना का चुनावी डगर, कमाल का गणित और वैश्य फारुकी का मेहनत रंग ला सकता है और विश्वासघात भी बन सकता है मददगार

जौनपुर। निवर्तमान चेयरमैन मड़ियाहू नगर पंचायत रुकसाना कमाल फारुकी निर्दल प्रत्याशी का इस बार चुनाव जीतना आसान नही है। एक तरफ जहां भाजपा दमदारी से चुनाव लड़ने की तैयारी मे है। कार्यकर्ता कमल खिलाने के लिए भाजपा प्रत्याशी सोनी जायसवाल के पक्ष मे मतदाताओ को रिझाने की भरपूर कोशिश कर रहे है। दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी कार्यकर्ता और नेता सपा उम्मीदवार फरहत जहां को चुनाव जीताने मे कोई कोर कसर नही छोड रहे है। खास बात है कि भाजपा और सपा के वोटो के बिखराव की वजह से निर्दल प्रत्याशी की पिछले चुनाव मे जीत हुई। इस बार भी कुछ ऐसा ही उम्मीद निर्दल प्रत्याशी के शुभचिंतक और समर्थक मन मे लिए कहते फिर रहे है। कुछ लोग सोनी के जीत की बात कर रहे तो कुछ फरहत जहां के जीत की बात कर रहे है। कुछ लोग रुकसाना को जीता रहे है। अगर भाजपा और सपा के मतदाता ईमानदारी से अपनी,अपनी पार्टी के साथ निष्ठावान बने रहे तो लड़ाई भाजपा और सपा के बीच टक्कर की होगी। यदि दोनो दलो के मतो का बिखराव हुआ तो फिर दोबारा रुकसाना के चुनाव जीतने की संभावना बढ़ सकती है। सपा के कुछ लोगो ने विश्वास घात किया तो पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष कमला प्रसाद साहू चुनाव हार गये। भाजपा के कुछ लोगो ने विश्वास घात किया तो विनोद सेठ चुनाव हार गये और निर्दल प्रत्याशी रुकसाना चुनाव जीतने मे सफल रही। चेयरमैन रहते रुकसाना ने नगर का चौमुखी विकास किया और उनके पति कमाल ने चुनावी गणित फिट किया और लोगो को खुश किया। हालांकि कुछ लोग इनके व्यवहार से असंतुष्ट भी है। बात चुनाव जीतने की है तो रुकसाना की चुनावी डगर कठिन है। जिसे आसान बनाने मे कमाल जुटे है। वैश्य फारुकी की मेहनत रंग ला सकती है और विश्वासघात मददगार बन सकता है। जेडी सिंह

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