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नेकी के इत्र की खूशबू बिखेरिये,मानव जीवन मिला है जरा खुद मे सत्य को टटोलिए,भगवान का कथा कहते-कहते तन से प्राण निकल जाय तो यह जीवन का सबसे अहम दिन होगा- पूज्य महाराज श्री विद्याधर

जौनपुर। मड़ियाहू मछलीशहर रोड स्थित परसथ गांव के दुर्गा माता मंदिर परिसर मे मां लालती चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान मे आयोजित श्रीमद् भागवत कथा मे पधारे पूज्य महाराज श्री विद्याधर ने बातचीत के दौरान कहा कि भगवान का कथा कहते कहते तन से प्राण निकल जाय यह जीवन का सबसे अहम दिन होगा।आत्मा सत्य है। उसकी आवाज को सुनना आत्म ज्ञान है। विवेकी पुरुष सत्यगामी होता है। सत्य के प्रताप से सूर्य रोशनी दे रहा है और चन्द्रमा शीतलता प्रदान कर रही है। सत्य पर धरती टिकी है। विचार की पवित्रता से मनुष्य का आचरण पवित्र होता है। आज लोग अहंकार बस कर्ता के भाव मे रुतबा बनाते है हमने यह किया वह किया। हम यह है वह है। विधाता के विधान के तहत अन्य जीव की तरह मनुष्य भी एक जीव है। मनुष्य को धैर्यशील क्षमाशील और विवेकशील होना चाहिए। आज का मनुष्य दिखावा की ओर है। एक प्रकार से यह कह लीजिए भवकाल टाइट करके सर्व समाज मे दर्शाना चाह रहा है हम भी कुछ है मेरे जैसा कोई नही। जो हम कह रहे है कर रहे है वही सही है। जरा सोचिए और विचार करिये अपना सोचा होता है। जो होना है वही होगा। मनुष्य रात दिन सोच, सोच कर परेशान है। अन्नत इच्छा पाले दर दर भटक रहा है। सोचना बंद करना होगा और इच्छा खत्म करना होगा। खुद से खुद मे अन्तर्मुखी होकर समा जाइये। प्रभु मे लवलीन होकर सदैव उसे याद करके दया का पात्र बने रहिये हर प्रकार से सुखद और दिव्य जीवन जीने की अनूभूति मिलने लगेगी। उन्होंन कहा धर्म के रक्षा के लिए भगवान अवतार लेते है। जो धरती का सत्य है वही धर्म है जिसमे मिलावट संभव नही है। जल वायु अग्नि धरती आकाश सबकी उत्पत्ति सत्य से है। जीवन और मरण सत्य है।इसके बीच का यात्रा मनुष्य के कर्म पर है। जैसी करनी वैसी भरनी। जैसा कर्म रुपी बीच बोयेगे। आगे वैसा फसल काटेगे। यदि कर्म मे नेकी की प्रबलता होगी तो आत्मबल इतना मजबूत होगा कि सत्य की ताकत का एहसास होने लगेगा। आयोजित कथा मे पूज्य महाराज जी को सुनने को भीड़ उमड पड़ी है। श्रीरामबली सेठ आभूषण भण्डार मड़ियाहू के अधिष्ठाता विनोद सेठ महाराज जी का दर्शन पूजन करके आशीर्वाद प्राप्त किये। जेडी सिंह

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