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जौनपुर:रामनगर मे बन रहा 2157 प्रधानमंत्री तो 106 मुख्यमंत्री आवास,कुछ बिचौलिए गरीब लाभार्थी से ले रहे बीस हजार रुपए, जबकि ब्लाक प्रशासन सख्त है बाबजूद हिमाकत

जौनपुर। यह बिल्कुल सत्य है इन्सान स्वार्थी है। उसका स्वार्थ सधा फिर वह उसी धारा मे आ जाता है जैसा कि उसका नित्य कर्म का स्वभाव है। मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सबको आवास मिल रहा है। जो उसके पात्र। जो पात्र नही है उनको भी आवास मिला है अगर जाच हो तो पता चल जायेगा। आवास का मानक है। उसके विपरीत काम किया जा रहा है। कुछ ही आवास ऐसे बने है जो निर्धारित माडल है।कुछ लोग ऐसे है यदि चार भाई है तो चार आवास मिला तो वह मानक भूल करके मकान बना लिये तो कुछ लोग दुकान बना लिये। मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री आवास योजना मे बिचौलिए सक्रिय है। लाभार्थी के खाते मे आवास का धन आते ही बीस हजार रुपये ले रहे है। ऐसे बहुत से लोग पीड़ित है। दर्द बया कर रहे है। लेकिन कुछ न बोल सकते है न लिखकर शिकायत कर सकते है,अगर कोई जुर्रत करने की हिमाकत करता है तो दबंगई का शिकार हो सकता है। माना कि लोग आवास बना लिये। लेकिन योजना का नाम कुछ ही आवास पर लिखा हो सकता है। नही तो बहुत से ऐसे आवास है जिस पर योजना का नाम नही लिखा गया है। इस सिलसिले मे संयुक्त खण्ड विकास अधिकारी राकेश मिश्र से बातचीत हुई तो उन्होंन कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आवास 25 वर्ग मीटर मे बनना चाहिए,थोड़ा-बहुत इधर-उधर है तो चल जायेगा। जब उनसे पूछा गया सरकार के निर्धारित माडल के अनुसार कम आवास बन रहा है। लोग मकान और दुकान बना रहे है। तब उन्होंन कहा कि यह अनुचित है। जब कहा गया कि आवास के नाम पर विचौलिया सक्रिय है। जो लाभार्थी के खाते मे धन आते ही बीस हजार ले रहे है। जबाब मे बोले यदि कोई पीड़ित लिखित शिकायत करता है तो जाच होगी। सच्चाई सामने आने पर कार्यवाई होगी। बताया कि 2022-23 मे रामनगर विकास खण्ड मे प्रधानमंत्री आवास 2157 स्वीकृत हुआ,पहली किस्त 40 हजार लाभार्थी के खाते मे जा चुकी है। आवास का कुर्सी भरा जाने पर 70 हजार का किस्त तथा तीसरा किस्त दस हजार का है। मुख्यमंत्री आवास 106 बन रहा है। कुछ ही ऐसे बिचौलिए है जो सरकार द्वारा गरीबो को दिये गये आवास के नाम पर लाभार्थी से बीस हजार रुपए ले रहे है और पाप के भागीदार बन रहे है और गरीब का आह बटोर रहे है। गरीब बोल नही सकता नही तो दबंगई का शिकार हो सकता है। दर्द बया करता है। लेकिन लिखकर शिकायत नही कर रहा। जगदीश सिंह संपादक जौनपुर

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