जौनपुर। गाली हम चार भाई प्रदीप सिंह,सुनील सिंह, जेडी सिंह, दिलीप सिंह को मिली। गाली देने वाली घर की महिलाओ को बख्शीस मिला। ऐसा वाकया हुआ। पंडित दयाशंकर मिश्र वर्राह के पारिवारिक आवास पर मांगलिक बेला मे परिवार के सदस्य सत्यम सिंह की भारतीय सनातन विधि से मन्त्रोचार के बीच बरंक्षा की रस्म को पूरा किया गया। दौर शादी विवाह के अवसर का है। मांगलिक और गाली गीत सुना। किसी को गाली देना कानून अपराध है। भारतीय परंपरा मे प्रकृति के प्रथम चर्या मे मिलन मांगलिक है तो गाली अपनत्व मे मिलने का बोध कराती है।शादी विवाह मे लोग गाली सुनकर अति प्रसन्न होते है। महिला खूब नया पुराना का मिश्रण करके गाली गीत को गाती है। गीत पर वर और कन्या पक्ष की तरफ से गाली गाने वाली महिलाओ को उनका उनको पद मिलता है। समधी और समधन का खासे प्रभाव रहता है। पहले पद उनको मिलता है। बाद मे सब परिवार को पद मिलता है। शादी-ब्याह राजशाही ठाठ है। दुल्हे राजा है। उनकी दुल्हन रानी। पद से पद की गरिमा को बढ़ाया गया है। पदी, हदी भी होते है। शादी• विवाह डिजिटल प्रोग्रामिंग हो गया है। अवसर को नूतन और पुरातन भाव भंगिमा के अनुसार मांगलिक अवसर का आत्मीय आनंद की दिव्य अनूभूति के अनुसार अनुभवित होकर लोग आनंद की सहज धारा मे गोते लगाते रहते है। मिलन का भाव ही आनंद है। आत्मा का परमात्मा से मिलना, मिलन ही परमानन्द है। चार भाईयो का मिलन सबसे बड़ा तीर्थ और आनंद है। बोलो आनंद कंद भगवान की जय।