जौनपुर। आकांक्षी विकास खण्ड रामपुर देश के प्रधानमंत्री मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी के सोच की एक उपज है। जिसके बहुत से मायने है। बदलाव है। भयमुक्त वातावरण है। भ्रष्टाचार पर नकेल कसने का हर संभव प्रयास है। अभिलाषा को समझना खोजना,इच्छा और अनिच्छा के भाव मे सबके विकास की चिन्ता,केंद्र और राज्य सरकार की जनकल्याण कारी योजनाओ को सही धरातल देना ही आकांक्षी के इच्छा को दर्शा रहा है। चिकित्सा, शिक्षा,शुद्ध जल के अलावा प्राकृतिक वातावरण के शुद्धता पर अनेको देशी विदेशी संस्थाए,आकांक्षी रामपुर विकास खण्ड के भौगोलिक परिदृश्य का अवलोकन करके जनबुनियादी सुविधाओ को मजबूत आधार प्रदान कर रहे है। गांव की सरकार नियमबद्ध तरीके से पारदर्शिता के साथ पक्ष विपक्ष की बात सदन की कार्यवाही रजिस्टर मे अंकित होगा। मिनी सचिवालय से सरकार का कामकाज चल रहा है। 42 मिनी सचिवालय का निर्माण हो रहा है। 37 सचिवालय काम काज लायक है। 82 कुल सचिवालय और ग्राम पंचायत है। इतने ही पंचायत सहायक मिनी सचिवालयो पर नियुक्त है। कम्प्यूटर, प्रिन्टर,सोलर पैनल के साथ इन्वर्टर चेयर पंखा के सुविधा के साथ अन्य सुविधा पर काम जारी है।सरकार की चाहत है गांव मे ही मिले सबको राहत,ब्लाक, तहसील,जिला का भागदौड जनता का कम हो जाय। रामपुर मे बल्लीपुर,भरसथ,नरहरपुर आदि ग्राम सभा मे मिनी सचिवालय क्यो नही बना,यह सवाल ब्लाक के इर्द-गिर्द घूम रहा है और जबाब तलाश रहा। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के फेलो उपकारी आकांक्षी शब्द के बारे मे बताये और बोले कि प्रधानमंत्री 2014 मे नीति आयोग के साथ बैठक मे विचार किये और पिछड़ापन शब्द को अशोभनीय करार देते हुए आकांक्षी शब्द से आगे के विकास की अभिलाषा की इच्छा जाहिर की। मुख्यमंत्री योगी ने ब्लाक स्तर पर प्रदेश मे लगभग 100 आकांक्षी विकास खण्ड बनाये। जिसमे उच्च स्तरीय विचारधारा के सृजन के साथ मानव हित की योजनाओ का समावेश है। उपकारी का चिन्तन परोपकारी है। सोच विकासवादी है। चाह रहे है सभी मिनी सचिवालय गतिशील बने। तीन मिनी सचिवालय अब तक क्यों नही बना उपकारी को चिन्ता है। जगदीश सिंह संपादक