जौनपुर। दल और दिल का जुड़ाव होता है। राजनैतिक सोच एक विचार धारा है। भारत देश मे अनेको दल है। जो मानव सेवा और हित की बात करते है। भारत की परंपरा बन गयी है अच्छी सोच के लोगो का सदैव से विरोध होता आ रहा है। महापुरुषो ने देश को बहुत कुछ दिया। आज उन्ही के नाम का लोग दुकान चला रहे है और अपना पोजीशन बना रहे है। जीते जी महापुरुषो ने कितना पीड़ा झेला होगा। यह तो वही जान सकते है। जीवनी के सच मे नाना प्रकार के पीड़ा की बात आती है। जब महापुरुष शरीर का त्याग कर जाते है तब उनकी थियरी सिद्धांत का धरती के लोग गुणगान करते है। जीते जी पीड़ा, मरले पर बखान और आपन,आपन स्वार्थ के पूर्ति के लिए सभी सजग है। उर्जा की सबको जरुरत है। शरीर भी उर्जा से संचालित है। जिसका संचालन परमात्मा कर रहे है। उर्जा घातक भी है। साकारात्मक दिशा है तो ठीक है। नकारात्मक दिशा है तो घातक है। प्लस और माइनस के जीवन मे विद्युत विभाग के अधिकारी कर्मचारी सदैव से प्लस मे रहने की चेष्टा करते आ रहे है। उपभोक्ता को पीड़ा देना,धौस जमाना,मनमानी बिलिग करना,किसी की न सुनना,अपने को ही सब कुछ समझना,जरुरत पड़ने पर गांव और शहर की बिजली गुल कर देना इनकी आदत मे शुमार है। कोई खुर्राट उपभोक्ता मिल जाता है उससे थोड़ा-बहुत नम रहते है। लेकिन मौका मिलते ही पावर गुल कर देने से बाज नही आते, जनमानस के लिए सबसे बड़ा मुसीबत बनता जा रहा है विद्युत विभाग। मनमाना बिलिग को लेकर उपभोक्ताओ मे नाराजगी दिख रहा है। जेडी सिंह