जौनपुर। विद्युत विभाग के अधिकांश अधिकारी कर्मचारी अपनी खामियो को छिपाते है।उनसे चाहे जितनी बड़ी गलती हो जाय उनके लिए सब क्षम्य है। क्योंकि वे आला मालिक है। उनकी अपनी मर्जी है जो चाहेंगे वह होगा। मनमाना बिलिग और मनमाना जुर्माना ठोकने के साथ किसी को भी बिजली चोर बनाने का उनके पास अधिकार है। उपभोक्ता विभाग के लोगो का हर ज्यादती को चुपचाप सहता है कुछ बोलता नही। उपभोक्ताओ मे भी जो गरीब दलित,अति पिछड़ा,सामान्य वर्ग के गरीब है। घरेलू विद्युत कनेक्शन धारी है उनपर ही इनका कहर है। घरेलू कनेक्शन के उपभोक्ता कनेक्शन लिए है। विद्युत उपयोग कर रहे,कुछ घरो मे मीटर लगा है तो कुछ मे नही। जो लगा है वह महज शोपीस बना है। वह उपयोग मे नही है। घरेलू कनेक्शनधारी ऐसे भी मिल जायेगे जिनके पास दस, बीस वर्ष से कनेक्शन का रसीद रखकर विद्युत विभाग के लोगो के इन्तजार मे है। अब आये मीटर लगाये और बिल दे। जो अभी तक संभव न हो सका। जिसका बिल भी आया एक लाख, अस्सी हजार, मनमाना बिलिग का विद्युत विभाग का पुराना इतिहास बरकरार है। विद्युत विभाग के कार्य प्रणाली से अमूमन उपभोक्ता पीड़ित है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हो चाहे उर्जा मंत्री हो विभाग के व्यवहार और कार्य प्रणाली के सुधार की चाहे जितनी कोशिश कर ले। संभव नही है कि इनमे सुधार हो सके। विद्युत कटौती,लो वोल्टेज के साथ रोज,रोज के नये फाल्ट विद्युत आपूर्ति मे बाधा उत्पन्न करते है। हालांकि इस समय इतना तो है विद्युत आपूर्ति मे काफी सुधार आया है। आन लाइन बिलिग, आनलाइन कनेक्शन से व्यवस्था बदल रहा है। शहरी क्षेत्र के उपभोक्ता जागरुक है। उनके सामने विशेष समस्या नही है। ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ता ही कुछ ज्यादे परेशान है। विभाग के कुछ कारनामे इस समय ज्यादे चर्चा मे है। मड़ियाहू तहसील के जमलिया गांव मे 33 हजार की सीधी लाइन को लगभग सौ मीटर के आसपास शिफ्ट कर दिया गया। यह लाइन किसी व्यक्ति के बाउन्ड्री के बीचोबीच पड रहा था। स्टीमेट बना,विभाग के उच्चाधिकारी से संस्तुति ली गयी की नही यह तो शिफ्ट करने वाले विभागीय लोग जाने। रामनगर विकास खण्ड के पडराव ग्राम पंचायत का सचिवालय अधर मे लटका है। प्रधान विकास कन्नौजिया विद्युत विभाग की ओर टकटकी लगाये है।बन रहे सचिवालय भवन से लाइन शिफ्ट हो और सचिवालय का निर्माण कार्य आगे बढ सके। बर्राह गांव के अमूमन लोग अगर विभाग ईमानदारी से जांच करे तो कुछ ही लोग विभाग के मानक पर खरे उत्तर सकते है। नही तो बिजली चोरी का केस ज्यादे लोगो पर बन सकता है। कुछ दिनो पहले विद्युत विभाग की टीम गांव मे आयी और कुछ गिने चुने लोगो को बिजली चोर पद की उपाधि से विभूषित करते हुए लम्बा जुर्माना ठोक दिया। खास बात रही कि विद्युत विभाग की टीम मे जो लोग थे अधिकांशत: एक खास बिरादरी के लोग थे। लोगो मे चर्चा है कुछ सामान्य बिरादरी के लोगो के घरो पर विभाग के लोगो का धावा रहा। जबकि बगल मे उस बिरादरीवाद के लोग भी थे। जिस बिरादरीवाद के विभागीय लोग छापा मारने आये थे। क्यो आखिर विभाग के लोग उनके घर नही गये। उनकी जाच क्यो नही किये। चर्चा है कि गांव का कोई व्यक्ति आन लाइन शिकायत किया है तो कोई कह रहा सत्ता के किसी नेता के ईशारे पर यह सब हुआ। जिस परिवार मे सन 1990 से विद्युत कनेक्शन हो,अनवरत विभाग को बिल भरा गया। पिता के निधन के बाद उनके नाम से कनेक्शन चल रहा हो और बिल आता हो और भरा जाता हो। अगर उनके बेटे विद्युत उपयोग कर रहे है और बिल भर रहे तो विभाग को मानवता दिखाते हुए एक गाइड लाइन जारी करना चाहिए था। कृपया लाइन का विच्छेदन करवा लीजिए और नया कनेक्शन ले लीजिए। तब तो बात मानवता की होती। पिता के कनेक्शन को अमान्य करते हुए लाखो रुपये जुर्माना, विद्युत चोरी का मुकदमा दर्ज करना यह विद्युत विभाग के लोगो की इन्साफी है या ना इन्साफी है यह तो विद्युत विभाग के लोग जाने, जो किसी के घर मे बिना महिला पुलिस और बगैर किसी मजिस्ट्रेट के आदेश के किसी के घर मे घुसना और वीडियो बनाना। हो सकता है जो लोग घर मे घुसे थे उनके पास संवैधानिक अधिकार हो सकता है। माना कि इसी परिवार मे एक और कनेक्शन है। विभाग का रसीद भी है। 9वर्ष हो गये। न मीटर लगा है। न अब तक बिल आया है, इसके लिए कौन जिम्मेदार है। विद्युत विभाग बताये। घरेलू बिजली माफी का मुद्दा उठाकर सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर घरेलू बिजली उपभोक्ताओ के दिल मे अपना स्थान बना रहे है। अभी हाल ही मे दिये एक मीडिया बयान मे उन्होंन कहा कि भाजपा से तभी गठबंधन होगा। जब उत्तर प्रदेश के घरेलू विद्युत उपभोक्ताओ बिजली बिल माफ होगा। ओम प्रकाश राजभर के इस बयान को लेकर घरेलू विद्युत उपभोक्ताओ मे हर्ष व्याप्त है। सुभासपा के प्रदेश महासचिव पूर्व प्रमुख रामनगर अरविंद सिंह मखडू ने कहा कि विद्युत समस्या के निदान के लिए पार्टी के लोग तटस्थ है और उपभोक्ताओ के साथ है। जगदीश सिंह संपादक