जौनपुर। धरती का सबसे विचित्र गांव बर्राह हो गया है। जिसमे अधिकांश वसगोती वंश के क्षत्रिय लोग निवास करते है। कुल खानदान खून से सब एक है। लगभग 50 घर के आस, पास है। संपन्न है। कुशल राजनीतिज्ञ है। बहुमुखी प्रतिभा के धनी लोग है। धनबल और बाहुबल की ताकत वाले भी लोग है। सत्ता मे अच्छी, खासी पकड़ है। कृत्य अच्छाई का भी है तो बहुत बुराई का भी है। अधिकांश युवा डाक्टर, इन्जीनियर के अलावा नौकरी पेशे से जुड़कर अपने भविष्य को सुनहरा बना रहे है। खेती के मामले मे गांव अव्वल है। प्राकृतिक आभा रमणीय है। मड़ियाहू वाराणसी मार्ग पर बसे गांव के चारो तरफ पक्की सड़क है। वर्चस्व को लेकर लोग एक दूसरे को परेशान करना,नीचा दिखाना, फसाने जैसे कृत्य को अन्जाम देने की कोशिश करते रहते है। इस गांव मे शाही पंरपरा बहुत पहले से चली आ रही है। मन्शा यह है कि जो कुछ है सब हम है,जो चाहेंगे वही होगा। सबसे खतरनाक पहलू है कि कभी,कभी लोग हिंसक हो जाते है और बड़ी घटना को अंजाम दे देते है। तमाम ऐसा अपराधिक घटना है जो कुछ पुलिस रिकार्ड मे है तो कुछ अपराध ऐसे भी है जो दब गये। जिसका खुलासा न हो सका। वर्तमान समय बहुत ठीक नही कहा जा सकता है। इस समय जो माहौल है। अगर गांव के लोग बहुत सूझबूझ और समझदारी से है तो ही उनका जीवन सुगमता से व्यतीत हो सकता है। जब सभी एक वंश पंरपरा और खून के लोग है तो सबको सारे गिले शिकवे भूलकर भविष्य के पीढ़ी के उज्जवल भविष्य के लिए एकता का परिचय देते हुए एक आदर्श स्थापित करना होगा। वर्चस्व के जंग मे गांव के लोगो का विनाश हो सकता है। जेडी सिंह
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