BREAKING NEWS
Home / सुर्खियां / दीवाली का पर्व श्रमिको और किसानो का फीका रहने की संभावना,मोदी और योगी से लोगो को जो आस था,वह पास न आ सका

दीवाली का पर्व श्रमिको और किसानो का फीका रहने की संभावना,मोदी और योगी से लोगो को जो आस था,वह पास न आ सका

जौनपुर। दीवाली का पर्व श्रमिको और किसानो के लिए फीका रहने की संभावना से इंकार नही किया जा सकता है। उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ लोग देख रहे थे। आस भी रही। किसानो को उम्मीद था कि पीएम किसान सम्मान निधि का पैसा खाते मे आ जायेगा।चर्चा तो यहा तक था कि इस बार बढ़ाकर आयेगा। धनतेरस पर सोना चांदी और बर्तन के दुकानो और केराना की दुकानो पर अपेक्षा से कम भीड़ रही है। मनरेगा श्रमिक भी उदासी के माहौल मे ग्राम प्रधानो के यहा जमे रहे। पहले तो उम्मीद मे थे कि सरकार मजदूरी का पैसा खाते मे डाल देगी। जब संभव न दिखा तो प्रधानो को दीवाली का उपहार तो देना है क्योकि दीवाली है। जो खुशियो का त्योहार है। प्रधान ही एक ऐसा जनप्रतिनिधि होता है। जो त्योहारो पर हर कमजोर का ध्यान रखता है। गांव के लोगो के मदद के लिए तत्पर रहता है। धनतेरस के सुबह से ही मनरेगा श्रमिक प्रधानो के यहा जमघट लगाना शुरु कर दिये। यदि खाते मे सरकार पहले की तरह पैसा छोड़ देती तो यह समस्या उत्पन्न न होती। प्रधानो के सामने भी आर्थिक समस्या रही होगी। बहुत से प्रधान श्रमिको से इधर उधर मुह छिपाते रहे,कुछ तो इन्तजाम कर त्योहारी स्वरूप धन बाटते रहे। जो प्रधान इधर-उधर हो रहे थे,शाम तक उनको भी खजाना का इन्तजाम करना पड़ा और श्रमिको मे बाँटना पड़ा, दीवाली, धनतेरस का अलग- अलग खर्चा है, रामनगर विकास खण्ड परिसर मे शुक्रवार दोपहर बाद सन्नाटा पसरा था,आफिसे लगभग खुली रही। कुछ लोग बाहर तो कुछ लोग आफिसो मे बैठे थे। चर्चा, परिचर्चा मे सरकार से धन न आने की चिन्ता लोगो मे रही। श्रमिको के बारे मे लोग छटपटा रहे थे। कुछ लोग तो मोदी और योगी को भी कोस रहे थे। कुछ प्रधान से बातचीत हुई जिसमे उन्होंन अपनी पीड़ा व्यक्त किया। और ये सब बात बताये। वर्जन के तौर पर लिखने से साफ मना कर दिया। सरकार से पीड़ा है डर भी है,लोग अभिव्यक्ति को प्रकट करने के बजाय दबा रहे है। जब पूछा गया सरकार से डर है क्या। जबाब रहा वेवजह परेशान कर सकती है। सरकार, सरकार होती है। अभिव्यक्ति की आजादी सोशल मीडिया पर है। जिसका प्रभाव है। बहुत सी निष्पक्ष बातो का दबना कही न कही से न्याय को प्रभावित कर रहा है और दबंग स्वभाव को बढ़ावा दे रहा है। दीवाली का पर्व स्वच्छता का प्रतीक है। उजारा, उजारा चहुंओर दिखता है, जिस रोशनी की एक अलग दिव्य अनूभूति होती है। ईश्वर का प्राकट्य ही है,उजाला। किसानो को उम्मीद था कि मोदी किसान सम्मान निधि का पैसा खाते मे छोड़ देगे। किसान आपस मे इस बात की चर्चा करते फिर रहे है। जेडी सिंह

About jaizindaram

Crazy Time spielenCrazy Time onlinegioca a Crazy Timejugar Crazy Timespela Crazy Timeplay Crazy TimeRoyal Reels pokies onlineWingaga casino