जौनपुर। महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्य मंत्री व भाजपा लोकसभा उम्मीदवार कृपाशंकर सिंह को लेकर चर्चाओ का बाजार गर्म है। बात तो यहा तक हो रही है कि बहुत से ऐसे भाजपा कार्यकर्ता है जो पार्टी के लिए सारा जीवन व्यतीत कर दिये। बाबजूद उन्हे टिकट नही मिला। ऐसा मलाल अन्दर,अन्दर कुछ भाजपा नेताओ और कार्यकर्ताओ मे है। जो बया नही कर सकते है। कहा तो यहा तक जा रहा है कि कृपाशंकर सिंह महाराष्ट्र की राजनीति मे सक्रिय है। जौनपुर जन्म भूमि है कर्म भूमि मुबंई है। उम्र का भी हवाला लोग दे रहे है। आय से अधिक संपत्ति मामले की लोग चर्चा कर रहे है। ऐसे मे भाजपा ने टिकट क्यो दिया इस पर लोग आपस मे बहस कर रहे है। कहने के लिए लोग यह भी कह रहे है लोग मोदी और योगी को देख रहे है। इसलिए कृपाशंकर को लोग वोट देगे और भारी मतो से जीत होगी। दरअसल सपा और बसपा उम्मीदवार घोषित होने के बाद ही चुनावी समीकरण का सही,सही आकलन हो सकता है। सब कुछ ठीक रहा। भितरघात न हुआ तो भाजपा यह सीट जीत सकती है। ऐसी संभावना है। भाजपा के परंपरागत वोटो का ध्रुवीकरण न हुआ तो भाजपा इतिहास रच सकती है। महाराणा प्रताप के मूर्ति के अनावरण के पीछे कही न कही से क्षत्रियो के एकजुट करने का प्रयास है। क्षत्रिय के बारे मे कहा जाता वह स्वाभिमानी होता है। देश के आन बान शान के लिए सदैव मरने मिटने के लिए तैयार रहता है। महाराणा प्रताप एक ऐसे स्वाभिमानी क्षत्रिय है। जिन्होंने देश और कुल के स्वाभिमान को झुकने नही दिया। राजपूत, ठाकुर शब्द को भी क्षत्रिय से जोड़कर देखा जाता है। क्षत्रिय मतदाता अक्सर देखा जा रहा है। पिछले कई चुनावो से दो खेमे मे बट जाता है। अबकी बार अगर ऐसा होता है तो पुराना इतिहास दोहराया जा सकता है। हालांकि भाजपा के लिए सबसे प्लस है मतदाता मोदी और योगी के नाम पर मतदान करने को आतुर है। प्रत्याशी चाहे जो उसका फर्क नही पड़ता। जगदीश सिंह संपादक