जौनपुर। राजनीति मे अक्सर देखा जा रहा है। जो रात दिन पार्टी के लिए काम करता है। जिम्मेदारी निभाता है। उसकी उतनी पूछ नही होती है। जितना होना चाहिए। भाजपा दुनिया का सबसे मजबूत संगठन है। जिसके कार्यकर्ता बहुत ही अनुशासित है। योग्य है। भाजपा को बुलंदी पर पहुंचाने मे अटल और आडवाणी की महत्वपूर्ण भूमिका है। जितना बन सका आप जन ने पार्टी को मजबूती प्रदान किये। कभी,कभी प्रत्याशी जब सीधे आसमान से उतार दिया जाता है। तब बहस कुछ और छिड़ जाती है। भाजपा मे पहले जो पंरपरा था समर्पित निष्ठावान पार्टी नेता पदाधिकारी,कार्यकर्ता को लोकसभा का उम्मीदवार बनाया जाता था। अब चाहे जो दूसरे दल से आ रहे है। दागदार भी है। बाबजूद पार्टी उम्मीदवार बनाकर मैदान मे उतार रही है। ऐसे मे निष्ठावान कार्यकर्ताओ का मनोबल टूट जाता है। जनता से जुड़ाव और जमीनी नेता जो होता है। वह सब कुछ समझता है। रोज,रोज का लोगो से मिलना जुलना होता है। एक अलग किस्म का आत्मीय लगाव बन जाता है। माना कि कृपाशंकर सिंह जौनपुर के मूल निवासी है। लेकिन कर्मभूमि मुबंई है। छवि के निर्मलता मे आय से अधिक संपत्ति की चर्चा है।
सबसे बड़ी समस्या इस समय राजनीति की है। इतिहास भी गवाह है। पांच साल तक झेलने की बात होती है। पार्टी चाहे जिसको थोप दे कार्यकर्ता उसे स्वीकार करते है। जब चुनाव मे उम्मीदवार जीत जाता है। सांसद बन जाता है। तब कुछ लोग बहुत खास होते है। फिर वह अपनी राजनीति चमकाने लगते है और जनता और कार्यकर्ता दर किनार कर दीये जाते है। एक बार तो लोग झेल लेते है दोबारा उधर से वोट के बारे मे सोचते नही है।बात पांच साल की है तो नेता सर्व सुलभ हो ऐसा लोग चाहते है। स्व• उमानाथ सिंह भाजपा के बहुत समर्पित नेता थे। उनके पुत्र कृष्ण प्रताप सिंह सांसद रहे।उनको भी दर किनार कर दिया गया।जिले मे पूर्व विधायक सुरेन्द्र सिंह है जो भाजपा के लिए पूरा जीवन व्यतीत कर दिये।ऐसा समर्पित नेता बहुत कम मिलेगे। मनोज सिंह मल्हनी से विधान सभा का चुनाव भाजपा से लड़े और पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता है।शतीस सिंह बसालतपुर विधान परिषद का चुनाव भाजपा से लड़े। पार्टी के मजबूती के लिए सदैव तत्पर है। जब पार्टी बहुत मजबूत नही थी तब ये लोग भाजपा का साथ दिये। जब इनके मजबूती की बात आई और राजनीति मे आगे बढ़ने का अवसर आया तो दरकिनार कर दिये गये। राम भाजपा के अराध्य है। राम के नाम पर भाजपा को ख्याति मिली है। भाजपा ने क्या किया राम भक्त ज्ञान प्रकाश सिंह को लोकसभा का टिकट न देकर उनके दिल को ठेस पहुंचाया और उनके चाहने वाले लाखो जौनपुर वासियो को इस बात की अन्तर मन मे पीड़ा है। लोग व्यक्त नही कर रहे है। गंभीर मौन साधना मे है। आज लोग बोलने से भी डरते है। ज्ञान प्रकाश सिंह की सामाजिकता की चर्चा कहा नही है। उनका बडप्पन और आदर्श के किस्से सोशल मीडिया मे भी है। कुछ महीने पहले जौनपुर शहर मे राम कथा हुआ। दिव्यता,भव्यता, नव्यता और रामत्तव का भाव जन, जन को पुलकित व पुष्पित कर दिया। इसके पीछे कौन था राम भक्त ज्ञान प्रकाश सिंह। इतना ही नही राम मंदिर निर्माण मे एक करोड का चन्दा भी दिये है। जो जिले के जनमानस मे विदित है। अयोध्या मे भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा अवसर पर रामोत्सव कार्यक्रम का नजारा जौनपुर शहर मे गोमती नदी किनारे अद्भूत रहा। जिसकी प्रशंसा लोगो ने खूब की थी। राम भक्त ज्ञान प्रकाश सिंह को भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को चाहिए था जौनपुर से लोकसभा का टिकट देकर उनका सम्मान करना चाहिए था। उनका माहौल बना है। 2024 का लोकसभा चुनाव नजदीक है। चट्टी चौराहे,खेत खलिहान मे चुनावी चर्चा शुरु है।सबकी अपनी,अपनी बतकही है। कृपाशंकर शंकर सिंह और ज्ञान प्रकाश सिंह का भाजपा राजनैतिक मूल्यांकन जौनपुर मे करा ले तो राम भक्त ज्ञान प्रकाश की ओर से लाखो भक्तो की आवाज उठ सकती है। जय श्रीराम,जेडी सिंह संपादक
Home / सुर्खियां / राम भक्त ज्ञान प्रकाश सिंह के बारे मे भाजपा शीर्ष नेतृत्व दिल्ली को सोचना चाहिए था,जौनपुर लोकसभा सीट पर बनता है उनका हक,वर्षो की है तपस्या,जिसकी जनमानस मे है चर्चा