जौनपुर। धरती पर हर ओर ईश्वर की छवि दिख रही है। जिसकी जैसी दृष्टि है वैसी सृष्टि नजर आ रही है। भारत की पावन भूमि कुछ खास है।जिसके प्रकृति मे ईश्वर का वाश है। मानव ही मानव के काम आता है। मनुष्य की सेवा सबसे बड़ी सेवा है। देश मे नर सेवा नारायण सेवा की बात स्वीकार्य है। वर्तमान परिवेश मे जात, पात धर्म, मजहब के दलदल मे हर मनुष्य फसा हुआ है। इच्छा लोगो की प्रबल है।अगर हम किसी का सहयोग नही कर सकते है तो कम से कम अपमान न करे,नीचा न दिखाये।माना कि कोई अभाव मे है तो प्रभाव वाले के पास जाता है। बहुत से अच्छे इन्सान है जो सहयोग करते है। उचित मार्गदर्शन देते है। कुछ मनुष्य ऐसे है सम्मान करते है। बाते अच्छी करते है। लेकिन उनके मन मे खोट होता है। वह सिर्फ अपने फायदे के लिए जी रहे है। उनका मकसद है कि धरती पर जो कुछ है सब वही है। ऐसे अहंकारी लोगो पर ईश्वर की विशेष नजर रहती है। प्रभु का भोजन अहंकार है। सदा ना रहा है सदा ना रहेगा जमाना किसी का, नही चाहिए दिल दुखाना किसी का। ईश्वर के घर देर है। अन्धेर नही है। कर्म अच्छे करिये,मानव तन मिला है तो मानवता का परिचय दीजिए। जिससे लोग दिल से सम्मान करे। एक सम्मान हृदय से होता है। एक सम्मान होता है सामने से नमस्कार करते है। लेकिन ओझल होते ही लोग भला बुरा कहते है। मानव जीवन मिला है तो मानवता की ओर हमारे कदम बढ़ना चाहिए। दास जगदीश सतगुरु धाम बर्राह जौनपुर
Home / सुर्खियां / धरती पर हर ओर दिख रहा ईश्वर की छवि,एक मनुष्य दूसरे मनुष्य को नीचा दिखाने मे समझ रहा अपना बड़प्पन