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मछलीशहर लोकसभा चुनाव को लेकर चुनावी घमासान तेज, भाजपा के भोला नाथ सरोज के विजय रथ को रोकने के लिए सपा और बसपा का दाव पर दाव

जौनपुर। मछलीशहर लोकसभा सीट को लेकर चुनावी घमासान तेज हो गया है। राजनैतिक दल सपा,बसपा, भाजपा अपने,अपने उम्मीदवार को जीताने के लिए रात दिन एक कर दिये है। ऐसे मे कौन बनेगा मछलीशहर का सांसद यह भविष्य के गर्त मे है। अभी तो हर उम्मीदवार और उसके समर्थक चुनाव जीत रहे है। भोलानाथ सरोज वर्तमान मे भाजपा सांसद और भाजपा के उम्मीदवार है। विकास के वास्ते और मोदी और योगी लहर मे फिर दोबारा सांसद बनने का मन मे ख्याल रखकर चुनावी बाजी हाथ से नही जाने देना चाहते है। डगर कठिन है। कमोबेश बीपी सरोज को चुनाव हराने मे मजबूती से लोग लगे है। अन्दर खाने मे बात कुछ और चल रही है। कुछ लोग तो ऐसे है नाराजगी है बाबजूद मोदी और योगी के नाम पर वोट कर जायेगे। उनकी मजबूरी है। कमल के शिवा वह किसी और दल को वोट नही कर सकते। लोग कहते फिर रहे है। कुछ लोग इनके व्यवहार और अहंकार से बेहद नाराज है। जो चौराहे,तिराहे पर इनकी बगदोई बतिया रहे है। कुछ लोग तो चैलेंज कर रहे है। बीपी सरोज को कोई माई का लाल चुनाव नही हरा सकता। कुछ लोग तो यह कह रहे है कि मोदी और राष्ट्र को देखकर बीपी सरोज को वोट देकर जीताइये। इधर सपा ने प्रिया सरोज को मैदान मे उतारकर भाजपा के विजय रथ को रोकने का मजबूत दाव लगाया है और चुनाव जीतने के लिए मजबूती से जुटा है। पूर्व सांसद, केराकत विधायक तूफानी सरोज राजनीति के बहुत माने जाने पुराने खिलाड़ी है। राजनैतिक अनुभव भी है। मछलीशहर मे सपा विधायक, केराकत मे सपा विधायक,जफराबाद मे सपा विधायक,मड़ियाहू मे अपना दल एस का विधायक,पिण्डरा मे भाजपा विधायक है। पांच विधान सभा वाले संसदीय क्षेत्र मे तीन विधान सभा मे सपा की मजबूत पकड़ है। मड़ियाहू मे सपा की हार कम वोट से है। तूफानी सरोज विधायक है। बेटी को लोकसभा का टिकट मिला। इसको लेकर सपा के अन्दर खाने मे प्रतिक्रिया है। कुछ तूफानी सरोज के स्वभाव को लेकर भी चर्चा है। बसपा उम्मीदवार कृपाशंकर सरोज को लेकर जो चर्चा है। लोग कह रहे है। एक रिटायर्ड डीएम यदि चुनाव जीतता है और मछलीशहर का सांसद बनता है तो काफी हद तक मछलीशहर का नजारा कुछ और होगा, विकास को गति मिलेगा। भाजपा का वोट बिखरा तो भोलानाथ सरोज चुनाव जीतने के बजाय हार सकते है। हालांकि बीपी कुशल राजनीतिज्ञ है। जिन्हे लगा नाराज है। भाजपा के है। कुछ लोगो से मिलकर उनसे बातचीत करके उन्हे तो मिला लिये। लेकिन बहुत से लोग ऐसे है जिनके पास अभी तक नही पहुंचे। हो सकता है उनके पास न जाय। जाने से स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकता है। या तो उनकी निगाह मे उनकी कोई अहिमियत न हो। खैर उनकी या उनके लोगो की अपनी सोच हो सकती है। इतना जरुर है। ओबीसी और दलित वोट का मजबूत रुझान इनकी ओर बना तो परंपरागत वोटो को मिलाकर नैया पार हो सकती है। बसपा उम्मीदवार कृपाशंकर सरोज की बात करे तो चुनाव से काफी पहले से मछलीशहर संसदीय क्षेत्र मे लगकर जनता की सेवा कर रहे है। अमूमन तौर पर देखा जाय तो मछलीशहर की जनता से जुड़ाव बन गया है। कृपाशंकर सरोज चर्चा मे तब आये जब अचानक लोगो ने देखा मछलीशहर लोकसभा क्षेत्र मे चारो तरफ पोस्टर ही पोस्टर गांवो के घरो व बाजारो के दीवालो पर दिखने लगा। यह वाक्या चुनाव से पहले का है। खैर चुनाव मे जीत और हार होता रहता है। एक,एक मत का मूल्य है। ऐसे मे भाजपा,बसपा,सपा चुनाव जीतने मे पूरा दम लगा दिये है। जेडी सिंह संपादक

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