जौनपुर। जिले के ग्रामीण परिवेश मे अन्धेरे मे उजाला के लिए गांवो के बाजारो,चौराहो,तिराहो व गांवो मे हाई मास्ट सोलर लाइट व सौर उर्जा से संचालित लाइट पहले से बहुत संख्या मे लगे है। जबकि हाई मास्ट विद्युत से संचालित लाइट भी बहुत लगे है और लगाये जा रहे है। जिसमे जनप्रतिनिधियो की भी रुचि है। सरकार का लंबा बजट प्रकाश के लिए खर्च किया जा रहा है। व्यक्तिगत तौर पर जो सोलर लाइट लग रहा है जिसकी लागत लाख मे तो सार्वजनिक स्थानो पर लग रहे हाई मास्ट लाइट की कीमत लाखों मे है। पहले का जो हाई मास्ट लाइट लगा वह सोलर से बैटरी चार्ज होता है,शाम होते ही जल जाता है और प्रकाश देने लगता है और सुबह होते बुझ जाता है। लाइट लगने के बाद कुछ महीने तक हाई मास्ट सोलर लाइट और साधारण लाइट कुछ महीने जलता है। इसके बाद बंद हो जाता है। बंद होने पर जागरुक लोग हो हल्ला करते है तो ठेकेदार आकर बना देता है। फिर अगर बिगड़ा तो बिगड़ा ही रहता है। अगर जनपद के ग्रामीण परिवेश की बात करे तो अधिकांश सोलर लाइट खराब होकर बंद पड़े हो सकते है। ऐसे मे सरकार प्रकाश व्यवस्था पर अकूत धन खर्च कर रही है तो रख रखाव के अभाव मे बहुतायत सोलर लाइट बंद पड़े है। इसके लिए जिम्मेदार कौन है। सोलर लाइट लगवाना तो ठीक है। लेकिन वह खराब होकर बंद पड़ा है तो लगवाने का मतलब क्या है। इधर बीच हाई मास्ट सोलर लाइट न के बराबर लग रहे है। अब तो विद्युत से संचालित हाई मास्ट लाइट लगाया जा रहा है। जिसका प्रकाश रात मे दिन जैसा लग रहा है। हाल ही के दिनो मे क्षेत्र पंचायत रामनगर की बैठक हुई। सदन मे हाई मास्ट लाइट लगवाने की चर्चा रही। हालांकि क्षेत्र पंचायत रामनगर द्वारा विकास खण्ड के अमूमन ग्राम सभा मे क्षेत्र पंचायत सदस्यो के माध्यम से हाई मास्ट लाइट लगवाया जा चुका है। जो विद्युत से संचालित हो रहा है। वर्तमान समय मे क्षेत्र पंचायत की जो मन्शा है लग रहा है प्रतिवर्ष का जो दो से तीन करोड का बजट है उसमे ज्यादा हाई मास्ट लाइट लगवा सकता है। सड़क,नाली का कार्य तो होगा ही। अगर देखा जाय तो सांसद, विधायक,एमएलसी,जिलापंचायत अध्यक्ष,प्रमुख, द्वारा हाई मास्ट लाइट लगवाने पर तो जोर है। रख-रखाव की चिन्ता न तो सरकार को है न ही जनप्रधिनिधियो को है। इस परिप्रेक्ष्य मे खण्ड विकास अधिकारी रामनगर रेनू चौधरी से बातचीत हुई और उनसे सवाल किया गया कि गांवो मे सोलर लाइट,हाई मास्ट लाइट तो लग रहा है। इसके रख,रखाव और खराब होने पर बनबाने की जिम्मेदारी किसकी है। जबाब मे उन्होंन कहा कि सवाल तो बहुत उत्तम है। इसके लिए चाहिए जो हाई मास्ट सोलर या विद्युत से संचालित लाइट है। उसको ग्राम सभा को हैण्ड ओवर करना चाहिए। जिससे ग्राम सभा उसके रख,रखाव और बिगड़ने पर बनवा सके। वैसे भी ग्राम सभा का जो निधि है,वेतन भुगतान और सामाजिक कार्यो पर खर्च हो जाता है। अब तो ऐसा लगता है लाइट लगवाये,सासंद,विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, प्रमुख,बिजली विभाग को बिल ग्राम सभा को भरना पड़ सकता है। ऐसी संभावना है। विद्युत उपखण्ड अधिकारी नेवढ़िया अजीजुल हसन ने बताया कि विद्युत से संचालित हाई मास्ट लाइट का बिल भरना होगा। इसके लिए जिले पर विद्युत विभाग मे आवेदन करना होगा। विभागीय स्वीकृत मिलने पर ही कनेक्शन जोड़ा जायेगा। जेडी सिंह संपादक