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जौनपुर के रामनगर ब्लाक का एक अजनबी जो है सरकार पर हाबी,चडई ढेकहा का ग्रामीण स्टेडियम जब प्राक्कलन न बना तत्कालीन खण्ड विकास अधिकारी ने कार्य को श्रमदान मान लिया फिर भुगतान की चर्चा,सच बतायेगे ग्राम सचिव

जौनपुर। ग्रामीण खेल कूद को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने सराहनीय कार्य किया है। ग्राम सभा स्तर पर खेल कूद के मैदान बनाये गये है। साथ ही खेल कूद की सामग्री की भी उपलब्धता है। रख-रखाव के अभाव मे सामान कही,कही टूट,फूट गया है तो कही सुरक्षित है। बात करते है रामनगर के ग्राम सभा चडई ढेकहा मे ग्रामीण खेलकूद स्टेडियम की। वर्ष 2021,22 मे ग्रामीण स्टेडियम प्रस्तावित है। जिसमे समतलीकरण का कार्य मनरेगा योजना से कराये जाने हेतु तत्कालीन खण्ड विकास अधिकारी नितिन कुमार द्वारा अनुमति प्रदान की गयी। परन्तु दिनांक 14•6•2022 को जब अधिकारी ने दौरा किया तो पाया गया उक्त समतलीकरण भूमि के तीन तरफ बाउन्ड्री कराया गया है। इस संबंध मे पत्र के माध्यम से तत्कालीन ग्राम पंचायत सचिव दिनेश राजभर से स्पष्टीकरण मांगा गया। 18•6•2022 को स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया गया। जिसमे उनके द्वारा अवगत कराया गया कि ग्राम चडई ढेकहा मे बाउन्ड्रीवाल का कार्य न मनरेगा योजना से न ही केन्द्रीय वित्त एवं राजवित्त से कराया गया है।साथ ही यह अवगत कराया गया उक्त कार्य किस व्यक्ति द्वारा कराया गया मुझे जानकारी नही है। तत्कालीन तकनीकी सहायक मनरेगा शिवशंकर मौर्य उक्त ग्राम पंचायत मे नियुक्त है। जिन्होंने पत्र के माध्यम से बताया कि इस कार्य का कोई प्राक्कलन नही बनाया है। वर्ष 2021•2022 मे ग्राम पंचायत चडई ढेकहा मे बाउन्ड्रीवाल का कार्य मनरेगा योजना,केन्द्रीय वित्त एवं राजवित्त के कार्ययोजना क्षेत्र पंचायत मे नही लिया गया है। अत: उक्त कार्य को श्रमदान मान लिया जाता है और इसको ग्राम पंचायत की अभिरक्षा मे सौपा जाता है। इस परिप्रेक्ष्य मे क्षेत्रीय युवा कल्याण अधिकारी प्रदीप कुमार मिश्र से बातचीत हुई । जिसमे उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की मन्शा है ग्रामीण खिलाड़ीओ का जिस खेल मे रुचि है,उन्हे प्रोत्साहित करना है। इसलिए सरकार ग्रामीण स्टेडियम को बढ़ावा दे रही है। जिससे प्रतिभावान खिलाड़ी तैयार हो जो ओलंपिक खेलो मे भाग ले सके। जब उनसे ग्राम चडई ढेकहा के स्टेडियम के बारे मे पूछा गया तो उन्होंन कहा कि स्टेडियम का जो मानक है। वह पूरी तरह से अधूरा है। न ट्रैक बना है,न ही बालीवाल व बैडमिंटन कोर्ट बना है। फुटबाल अथवा क्रिकेट ग्राउंड भी नही बना है। कहा कि स्टेडियम का विजिट करते है और उसके बेहतरी के लिए प्रयास करते है। चडई ढेकहा के वर्तमान सचिव मनोज कुमार यादव से बातचीत हुई और स्टेडियम के बारे मे पूछा गया और तत्कालीन खण्ड विकास अधिकारी नितिन कुमार के आदेश का हवाला दिया गया।
इस कार्य को श्रमदान मान लिया जाता है। साथ ही उन्होंन ग्राम पंचायत सचिव को आदेशित किया कि भविष्य मे इस कार्य पर कोई भुगतान न किया जाय,न ही प्राक्कलन तैयार किया जाय,ऐसे मे कार्य के भुगतान की चर्चा है। इस पर क्या कहना है। उन्होंने कहा कि जिले से कोई आदेश हुआ है। अभी बाहर है। आने पर आदेश कापी देखकर बताते है,क्या हुआ है। मछलीशहर भाजपा जिलाध्यक्ष रामविलास पाल से बातचीत हुई और उनसे सवाल किया गया कि सरकार की मन्शा है ग्रामीण खेलकूद को बढ़ावा देना और प्रतिभावान खिलाड़ी तैयार करना,ऐसे मे स्टेडियम मे जब अनुमान्य सुविधा उपलब्ध नही होगा तो युवा कैसे खेलेगे। जबाब मे उन्होंन कहा उत्तर प्रदेश सरकार ग्रामीण खेल कूद को बढावा देने के लिए विशेष कार्य किया है। जिसकी सराहना है। उन्होंन कहा कि स्टेडियम का बनना,गांव, गांव मे खेल के मैदान को सुसज्जित करना और खेल का सामान उपलब्ध कराना ऐसा नेक कार्य भाजपा ही कर सकती है। रामनगर का एक अजनबी जो सरकार पर हाबी है। वह अपनी मर्जी का बादशाह है। बड़ी योजना पर नजर रखता है। मौका मिला कि दाव मार देता है। दरअसल चडई ढेकहा के स्टेडियम की अजीब कहानी है। रामनगर विकास खण्ड मे दो स्टेडियम बनने के लिए आया। एक तो जवन्शीपुर मे फाइनल हो गया,दूसरा अढनपुर के लिए,दोनो मड़ियाहू विधान सभा मे। भाजपा के किसी कार्यकर्ता ने तत्कालीन जफराबाद विधायक हरेन्द्र प्रसाद सिंह से बताया कि रामनगर मे दो स्टेडियम आया है और दोनो मड़ियाहू विधान सभा मे बनने जा रहा है। हरेन्द्र सिंह सक्रिय हुए तो हुसेनपुर ग्राम सभा मे स्टेडियम बनने का कवायद शुरु हो गया। विरोध जब शुरु हुआ तो चडई ढेकहा मे स्टेडियम बनना तय हो गया। इधर अजनबी घात लगाये बैठा था,खण्ड विकास अधिकारी नितिन कुमार मनरेगा योजना के तहत समतलीकरण का आदेश करते है। जब मौका मुआयना करने जाते है तो समतलीकरण जगह पर तीन ओर से बाउन्ड्रीवाल बना मिलता है। अचरज मे पड़ जाते है। सचिव से स्पष्टीकरण, उक्त कार्य को किसने कराया, जानकारी नही,तकनीकी सहायक मनरेगा ने प्राक्कलन नही बनाया। बाउन्ड्रीवाल बनाने वाला अजनबी कौन है अभी खोज जारी है। जेडी सिंह संपादक

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