जौनपुर। जिले के रामनगर विकास खंड मे तकनीकी खराबी की वजह से डोगल न लग सका। जिससे करोड़ो की देनदारी,प्रभावित हुई। बताया जाता है कि जिले मे 46 करोड का भुगतान होना था। 27 मिनट का समय डोगल लगाने के लिए मिला। 12 बजकर 20 से आनलाइन देनदारी का क्रम शुरु हुआ जो 12बजकर 47 मिनट पर बंद हो गया। रामनगर मे पुराना एफटीओ संजय चौहान के समय का डिलीट हो गया। मार्तण्ड सिंह ने आनन,फानन मे 350 एफटीओ को जनरेट किये। लेखा सहायक मनरेगा रचित कपूर ने आनलाइन भुगतान का कमान अपने हाथ लिये। प्रयास तो बहुत किये लेकिन असफलता हाथ लगी। 17 करोड का एफटीओ बना। जिसमे 16 करोड अवशेष रह गया। ग्राम सभाओ मे विकास कार्य का भुगतान होना था। जो न हो सका। पिछला भुगतान न होने से प्रधानो के माथे पर पसीना आ गया। एक उम्मीद, एक विश्वास के साथ अधिकांश प्रधान जिला मुख्यालय पर डटे रहे। प्रधानो के सामने सबसे बड़ी समस्या है,बिल्डिंग मटेरियल के दुकान से उधार लेकर ग्राम सभा मे पक्का काम कराये है। जिसकी देनदारी लाखों मे है। ईट भट्ठे का भी बकाया है। सीमेंटेट ईट का बकाया है। इन्टरलाकिग की सड़क तो बन गयी। भुगतान न हुआ। पक्की नाली बनी भुगतान न हुआ। ऐसे मे प्रधान का क्रेडिट खराब हो रहा है। उम्मीद रहा भुगतान हो जायेगा तो फिर आगे क्रेडिट मिल जायेगी। जो न हो सका। अगर भुगतान जल्द हो जायेगा तो प्रधानो की लेनदारी देनदारी से खत्म हो जायेगा। पुन: नया क्रेडिट मिल जायेगा और गांव के विकास की रफ्तार तेज हो सकती है। यदि जल्द भुगतान न हुआ तो गांव का विकास थम सकता है। खण्ड विकास अधिकारी रामनगर रेनू चौधरी से जब दूरभाष से भुगतान न होने की वजह जाना गया तो उन्होंन बताया कि तकनीकी खराबी की वजह से डोगल न लग सका। डोगल न लगने से रामनगर के सभी प्रधान मायूस है। देनदारी का भुगतान न होने से चिंतित है। देनदारी मे तकनीकी खराबी की वजह से लेनदारी वालो का भुगतान न होना प्रधानो के लिए बड़ी समस्या है। उधार चुकाने पर ही दूसरा उधार का गुंजाइश बन सकता है। बेचारे प्रधानो पर डोगल न लगने से आयी सामत,लेनदारी और देनदारी का चक्कर, कैसे होगा रामनगर के ग्राम सभाओ का विकास। जेडी सिंह