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कमीशन हैं भ्रष्टाचार का मूल जड़, कुछ सरकारी अधिकारीयों, कर्मचारीयों में नहीं है मानवता,नामचीन अखबारो के कुछ पत्रकारो को कलम में धार देने की जरूरत,राम की आदर्शवादिता रामनगर ब्लॉक में कायम करने का हो प्रयास

जौनपुर। रामनगर ब्लॉक के कुछ सरकारी अधिकारी कर्मचारी भ्रष्टाचार के जनक है। इनमें ईमानदारी रच मात्र भी नहीं बचा है। न ही इनके अन्दर कोई नैतिकता है,न ही कोई मानवता है,न ही इनमें कोई इन्सानियत है। शायद इनका सोच और विचारधारा उत्तर प्रदेश सरकार के विपरीत है। राजा महाराजा जैसा जीवन व्यतीत कर रहे है। सरकार से अच्छा खासा तनख्वाह मिल रहा है। इसके बाद सरकारी योजनाओं को धरातल पर लाने में भी अच्छा खासा कमीशन की उम्मीद रखते हैं।तभी तो महंगी,मंहगी कारों से बेसमय आते हैं और बेसमय चले जाते हैं। ब्लॉक मुख्यालय के अफसरानों में अधिकांश लोग 11,12,1, बजे के आस,पास आते हैं। चमचमाती कारों,ब्रांडेड कपड़ों से सुशोभित जब सरकार के नुमाइंदे आते हैं तो ऐसा लगता है ये अमेरिका से आये है। अच्छाई और बुराई के दौर में अच्छे अधिकारी और कर्मचारी भी है।लेकिन जो समय चल रहा है वह अपने को गुमनाम बनके नौकरी कर रहे हैं।सुकून और शांति से जीवन यापन कर रहे हैं।‌ कुछ अधिकारी कर्मचारी पद का गुमान लिये खुद को सरकार समझते हैं। राजनीति में पक्ष और विपक्ष होता है। सत्ता पक्ष यदि अनैतिकता की ओर बढ़ता है, तो विपक्ष रोकता है खबरदार नैतिक बनों। पत्रकार और राजनीतिज्ञ यदि ईमानदारी से मानव कल्याण के लिए काम करें तो रामनगर ब्लॉक मुख्यालय के अधिकारीयों कर्मचारीयों का भी सोच बदल सकता हैं। वर्तमान समय में रामनगर में राजनीति और पत्रकारिता लगभग मर चुका है। जिन्दा करने का प्रयास जारी हैं।नामचीन अखबारो के कुछ पत्रकार सिर्फ ईमानदारी से पत्रकारिता करना शुरु कर दें तो काफी हद तक सरकारी मुलाजिमो का ग्राम सभाओं में विकास के नाम पर कमीशन लेने जैसा भ्रष्टाचार बंद हो सकता है।‌ कमीशन ही भ्रष्टाचार का जड़ है। अक्सर ग्राम सभाओं में प्रधान को लेकर चर्चा परिचर्चा होता है। भ्रष्टाचार को लेकर। लेकिन कितनी जिम्मेदारी से प्रधान अपने पद का निर्वहन कर रहा है। इस बात से अंदाजा लगा लीजिए गांव में किसी को भी गंभीर बीमारी है,सड़क दुघर्टना में कोई घायल हैं,मरनी है, करनी है, जन्मोत्सव है। किसी भी प्रकार का गांव में आपदा, विपदा है तो प्रधान सेवा के लिए खड़ा होता है। सरकारी योजनाओं को ग्राम सभाओं में लागू करवाने के लिए यदि प्रधान को कमीशन देना पड़े तो यह बेहद निंदनीय है। सांसद, विधायक, मंत्री गांव में यदि कोई पीड़ित है,दुखी हैं तो कोई बहुत जान पहचान का है तभी आते हैं।लेकिन प्रधान हमेशा परिवार के मुखिया की तरह जनमानस की सेवा में तटस्थ हैं। आज जरूरत है सबको संकल्प लेने की। रामनगर आदर्श ब्लॉक के रूप में विकसित हो। राम की आदर्शवादिता सबमें कायम हो,नर सेवा नारायण सेवा की अनूभूति सबको मिले। जेडी सिंह संपादक

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